13 मई 2025 : सनातन धर्म में हर तिथि हर वार का शास्त्रों में महत्व बताया गया है. हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है. इस दिन भगवान शंकर के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है. मान्यता है कि काल भैरव की पूजा से जीवन की सारी परेशानियां दूर होती हैं. तंत्र साधक इस दिन विशेष पूजा करते हैं. अगर आप भी ज्योतिषीय उपाय करें तो जीवन के संकट दूर हो सकते हैं. आइए जानते हैं उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से विस्तार से…
जानिए कब मनाई जाएगी कालाष्टमी
हिंदू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 20 मई को सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर होगी. वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 21 मई को सुबह 04 बजकर 55 मिनट पर होगा. ऐसे में मासिक कालाष्टमी का का व्रत 20 मई को रखा जाएगा.
कालाष्टमी पर जरूर करें ये उपाय
– अगर स्वास्थ बार बार खराब हो रहा है बीमारी पीछा नहीं छोड़ रही है तो कालाष्टमी के दिन सरसों के तेल में चुपड़ी हुई एक रोटी काले कुत्ते को खिलाएं. रोटी पर तेल चुपड़ते समय काल भैरव का ध्यान करें. ऐसा करने से जल्द ही स्वास्थ मे लाभ होगा.
– बहुत प्रयास के बाद भी जीवन में सुख-साधनों में बढ़ोतरी नहीं हो रही है, तो कालाष्टमी पर भैरव जी के आगे मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल का दीपक जलाएं. दीपक जलाते समय दो बार इस मंत्र का जाप करें: ‘ऊं ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊं’. इससे आपको आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलेगा.
– देखा जाता है कि बहुत प्रयास के बाद भी घर में शांति नहीं बनी रहती है. बार बार बेवजह झगड़े होते हैं और पारिवारिक जीवन में परेशनी बनी रहती है. तो कालाष्टमी को स्नान के बाद शिवजी की प्रतिमा के आगे आसन बिछाकर बैठें और शिव चालीसा का पाठ करें. ऐसा करने से परिवार मे प्रेम बढ़ेगा. और शिव जी का रोद्र रूप शांत होकर आर्शीवाद प्रदान करेंगे.
