• Fri. Dec 5th, 2025

Vigilance Action : पूर्व विधायक के बेटे-बहु पर FIR, जानें पूरा मामला

अमृतसर 03 मई 2025 : भ्रष्टाचार के एक मामले में विजिलेंस ने पूर्व विधायक के बेटे व बहु पर एफ.आई.आर. दर्ज की है। बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक धर्मवीर अग्निहोत्री के पुत्र संदीप कुमार अग्निहोत्री, पुत्रवधू ज्योति सचदेवा व उनके साथ राजीव गुप्ता, ईओ शरणजीत कौर, क्लर्क नरेंद्र कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें शरणजीत कौर, ईओ क्लर्क नरिंदर कुमार, दोनों तरनतारन में तैनात हैं तथा निजी फर्म के मालिक राजीव गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है।

प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि उक्त कार्यकारी अधिकारी द्वारा वर्ष 2017-2022 के दौरान धोखाधड़ी वाले लेन-देन किए गए थे। उन्होंने मेसर्स सिद्धू कंस्ट्रक्शन कंपनी, मेसर्स ब्रदर कंस्ट्रक्शन कंपनी और मेसर्स फ्रेंड्स एसोसिएशन को विभिन्न चेकों के माध्यम से गलत भुगतान किया था। इसके अलावा पूर्व विधायक धर्मवीर अग्निहोत्री के बेटे संदीप कुमार अग्निहोत्री से मिलीभगत कर आरोपी ई.ओ. उनकी कंपनियां मेसर्ज शार्प फोकस विजन प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एस.आर. उद्यमों को फर्जी भुगतान भी किये गये।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि स्थानीय निकाय विभाग पंजाब द्वारा की गई चैकिंग के दौरान उक्त जाली भुगतान बरामद किए गए, परन्तु 2.50 करोड़ रुपए की राशि बरामद नहीं की गई व 27.88 लाख रुपए अभी भी बकाया है। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि संदीप कुमार अग्निहोत्री ने अपनी पत्नी ज्योति सचदेवा के स्वामित्व वाली मेसर्स एम.के पदम पेट्रोलियम के नाम पर 4,41,03,086 रुपये का फर्जी भुगतान भी प्राप्त किया था। बाद में संदीप अग्निहोत्री ने इस फर्जी भुगतान का कुछ हिस्सा नगर कौंसिल तरनतारन के खातों में वापस जमा करा दिया, लेकिन 35,45,404 रुपए अभी भी बकाया है। बकाया बिलों के आंशिक भुगतान के बाद कुल राशि मेसर्स एमके पदम पेट्रोलियम के प्रति 1,05,30,628 रुपये बकाया पाया गया। इसके अलावा, प्रमुख सचिव, स्थानीय सरकार, पंजाब, ई.ओ. द्वारा प्रदान की गई विभागीय निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार। शरणजीत कौर ने अपने कार्यालय में तैनात क्लर्क राजीव कुमार (अब दिवंगत) तथा उक्त क्लर्क नरिंदर कुमार को बिना किसी बिल या कार्य आदेश के भुगतान जारी कर दिया था। तथ्यों से स्पष्ट हुआ कि ईओ शरणजीत कौर ने संदीप कुमार अग्निहोत्री के साथ मिलीभगत करके अपने पद का दुरुपयोग किया तथा अपनी फर्जी फर्मों मेसर्स शार्प फॉक्स विजन प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एसआर के माध्यम से फर्जीवाड़ा किया। उद्यमों को अवैध भुगतान किए गए। इसके अलावा, यह भी पाया गया कि बिना किसी निविदा या कोटेशन के विभिन्न फर्मों को 14,61,980 रुपये, 3,25,000 रुपये और 2,09,400 रुपये का भुगतान किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *