दीपक पांडेय, खरगोन 30 मार्च 2025 : चैत्र नवरात्रि का पावन अवसर शुरू हो चुका है. 30 मार्च 2025 से नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की साधना का पर्व पूरे देश में आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा. व्रत, पूजा और हवन के जरिए साधक देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देवी की कृपा पाने का एक खास और सरल तरीका है—हर दिन विशेष रंग के वस्त्र पहनना.
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. बसंत सोनी के अनुसार, नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है और हर देवी का एक प्रिय रंग होता है. अगर उस दिन साधक उस रंग के वस्त्र धारण करे, तो देवी विशेष प्रसन्न होती हैं और साधना सफल होती है. साथ ही, यह रंग मन, शरीर और आत्मा को एक नई ऊर्जा से भर देते हैं.
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है, जिनका प्रिय रंग नारंगी और पीला होता है. दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, जिन्हें शांति का प्रतीक माना जाता है, उनके लिए सफेद वस्त्र उपयुक्त माने जाते हैं. मां चंद्रघंटा को लाल रंग प्रिय है, जिससे शक्ति का संचार होता है.
मां कुष्मांडा के लिए नीला रंग, मां स्कंदमाता के लिए ग्रे, मां कात्यायनी के लिए फिर से पीला रंग शुभ माना गया है. सातवें दिन की देवी कालरात्रि हैं, जिन्हें हरा रंग शांति और स्थिरता देता है. आठवें दिन मां महागौरी, जिन्हें बैंगनी रंग भाता है. और नौवें दिन मां सिद्धिदात्री, जिनका प्रिय रंग मोरपंखी है.
डॉ. सोनी बताते हैं कि यदि कोई साधक पूरे नौ दिन इन रंगों को अपनाकर व्रत करे, दिन में जाप और रात्रि में हवन करे, तो उसे देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. यह प्रक्रिया साधक के भीतर सकारात्मकता, आध्यात्मिक ऊर्जा और आत्मिक संतुलन लाने में मदद करती है.
