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Chaitra Navratri 2025: 30 मार्च से शुरुआत, इस बार 8 दिन ही क्यों होगी पूजा?

26 मार्च 2025 : चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है और इस बार यह शुभ तिथि 30 मार्च दिन रविवार को है. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है, इस दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी मानी जाती है. चैत्र नवरात्रि पर इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग, लक्ष्मी नारायण योग, ऐंद्र योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. नवरात्रि के 9 दिनों में पूरे परिवार के साथ मां दुर्गा के 9 अलग अलग स्वरूपों का पूजन किया जाता है लेकिन इस बार यह स्थिति नहीं बन रही है. 30 मार्च से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रि में इस बार 9 नहीं बल्कि 8 दिन की पूजा की जाएगी. आइए जानते हैं इस बार चैत्र नवरात्रि में केवल 8 दिन की क्यों होगी मां दुर्गा की पूजा…

चैत्र नवरात्रि का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है और समापन नवमी तिथि को होता है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्रि 2025 में मां दुर्गा की पूजा 9 नहीं बल्कि 8 दिनों की ही होगी. यानी चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होंगे और 6 अप्रैल को समापन हो जाएगा. नवरात्रि के इन्ही 8 दिनों मां दुर्गा के 9 स्वरूपों का पूजन किया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र नवरात्रि का व्रत और मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से सभी रोग व कष्ट दूर होते हैं और जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती. साथ मां दुर्गा के आशीर्वाद से सभी ग्रहों का शुभ फल प्राप्त होता है और सभी कार्य सिद्ध होते जाते हैं.

चैत्र नवरात्रि 2025 कब से है?
प्रतिपदा तिथि की शुरुआत : 29 मार्च, दोपहर 4 बजकर 27 मिनट से
प्रतिपदा तिथि का समापन : 30 मार्च, दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक
उदिया तिथि को मानते हुए इस बार 30 मार्च दिन रविवार से चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत हो रही है.

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 2025
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना किया जाता है और इसके बाद मां दुर्गा का पूजन किया जाता है. साल 2025 में चैत्र नवरात्रि के कलश स्थापना का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. इस अवधि में आप कलश स्थापना कर सकते हैं.

8 दिन ही क्यों होगी मां दुर्गा की पूजा
चैत्र नवरात्रि में 9 दिन मां दुर्गा के 9 स्वरूपों का पूजन किया जाता है और इसकी शुरुआत 30 मार्च से होगी. 30 मार्च 2025 को मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री का पूजन किया जाएगा और घटस्थापना भी किया जाएगा. लेकिन इस बार द्वितीया और तृतीया तिथि एक ही दिन यानी 31 मार्च को ही है, जिसकी वजह से तृतीया तिथि का क्षय हो गया है. इस वजह से चैत्र नवरात्रि 2025 में 8 दिन ही मां दुर्गा का पूजन किया जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि की तिथियों का घटना और पितृ पक्ष की तिथियों का बढ़ना शुभ नहीं माना जाता है.

1- 30 मार्च दिन रविवार को प्रतिपदा तिथि – मां शैलपुत्री का पूजन
2- 31 मार्च दिन सोमवार को द्वितीया और तृतीया तिथि – मां ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा का पूजन
3- 1 अप्रैल दिन मंगलवार को चतुर्थी तिथि – मां कूष्मांडा का पूजन
4- 2 अप्रैल दिन बुधवार को पंचमी तिथि – मां स्कंदमाता का पूजन
5- 3 अप्रैल दिन गुरुवार को षष्ठी तिथि – मां कात्यायनी का पूजन
6- 4 अप्रैल दिन शुक्रवार को सप्तमी तिथि – मां कालरात्रि का पूजन
7- 5 अप्रैल दिन शनिवार को अष्टमी तिथि – मां महागौरी का पूजन
8– 6 अप्रैल दिन रविवार को नवमी तिथि – मां सिद्धिदात्री का पूजन

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