चंडीगढ़ 20 मार्च 2025 : देशभर के अलग-अलग राज्यों में जलवायु परिवर्तन और धरती के बढ़ते तापमान का असर भूजल पर देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही खेती में भूजल (ग्राउंड वाटर) के बढ़ते उपयोग के कारण भूजल स्तर तेजी से घट रहा है। यही बात कल हरियाणा सरकार ने विधानसभा में स्वीकार किया कि भूजल की क्वालिटी खराब हो रही है। साथ ही अधिक इस्तेमाल और पानी की बर्बादी के कारण जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है।
पानी के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए चौधरी ने ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ कार्यक्रम पर प्रकाश डाला, जो फसल विविधीकरण के लिए प्रति एकड़ 7,000 रुपये दिया जाता है। उन्होंने सदन को बताया कि इस योजना के तहत 2022-23 में 58,000 एकड़ और 2023-24 में 36,174 एकड़ को कवर किया गया।
11 विपक्षी विधायकों की ओर से उठाए गए भूजल क्वालिटी पर एक अल्पकालिक चर्चा के दौरान, रोहतक कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में हरियाणा में सबसे ज़्यादा ऐसे जिले हैं जहां बिजली से चलने वाले नलकूप तय सीमा से ज़्यादा हैं।उन्होंने कहा कि हरियाणा के जिन छह जिलों में सबसे अधिक दिक्कत है वो सिरसा, हिसार, भिवानी, सोनीपत, जींद और गुरुग्राम हैं।
भूजल संसाधन अनुमान (GWRE) 2024 रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में 88 ब्लॉकों में पानी की गंभीर समस्या है, जिसका अर्थ है कि भूजल का इस्तेमाल वार्षिक उपलब्धता से अधिक है। इसके अतिरिक्त, 11 ब्लॉकों को गंभीर, आठ को अर्ध-गंभीर और 36 को सुरक्षित के रूप में रखा किया गया है।