चैत्र मास में इस मंदिर में लगता है भक्तों का तांता, फसल चढ़ाने के लिए दूर-दूर से आते हैं किसान

उज्जैन 19 मार्च 2025 . विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भगवान शिव की पूजा के लिए देश के कोने-कोने से भक्त आते हैं. बाबा महाकाल की पूजा के साथ ही भगवान श्री गणेश की पूजा का भी विशेष महत्व है. उज्जैन से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चिंतामण गणेश मंदिर में चैत्र माह के हर बुधवार को भक्तों का मेला लगता है और कई किसान अपनी फसल लेकर चिंतामण गणेश के मंदिर सुबह से पहुंच रहे हैं. चैत्र मास की पहली जत्रा पर सुबह से ही चिंतामण मंदिर में भक्तों का ताता लगा हुआ है.

इस बार निकलेगी चार जत्रा
इस बार चैत्र मास में चार बुधवार होने से चार जत्रा निकाली जाएगी. जिसकी शुरुआत आज 19 मार्च से हो चुकी है. वही 26 मार्च को दूसरी, 02 अप्रैल को तीसरी तथा 09 अप्रैल को शाही जत्रा होगी. इन चार बुधवार चिंतामण मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा. चैत्र मास मे जो भी भक्त यहा आकर दर्शन कर लेता है, उसकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सारी चिंताएं दूर होती हैं.

फसल पकने पर चढ़ाने पहुँचे किसान
चिंतामण मंदिर के पुजारी गणेश गुरु ने बताया कि चैत्र में गेहू-चने की फसल पक जाती है. किसानों के यहां धान के भंडार भर जाते हैं. किसान नया धान बाजार में बेचने से पहले भगवान चिंतामण गणेश के दरबार में चढ़ाने आ रहे हैं. यह परंपरा पुरानी है, कालांतर में इसने जत्रा का रूप ले लिया है. इसके अलावा अनेक श्रद्धालु मनोकामना के लिए भी जत्रा में शामिल होते हैं.

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