हरियाणा 13 मार्च 2025 : फरीदाबाद के डीग गांव में किसान श्यामू ने डेढ़ किले में भिंडी की खेती कर रखी है. उनकी उम्र 27 साल है और वे काफी समय से खेती कर रहे हैं. श्यामू ने बताया कि खेती से ही उनके परिवार का खर्चा चलता है और भिंडी की फसल उन्हें अच्छा मुनाफा देती है.
श्यामू बताते हैं भिंडी की खेती करने से पहले खेत की तीन बार जुताई करनी पड़ती है. इसके बाद एक कट्टा डीएपी खाद डालते हैं. फसल की अच्छी बढ़ोतरी के लिए नियमित देखभाल करनी पड़ती है. सिंचाई का काम सप्ताह में एक बार करना पड़ता है.
भिंडी की फसल 40 दिन में तैयार हो जाती है. इस दौरान कीटों से बचाव के लिए अलग-अलग दवाइयों का इस्तेमाल करना पड़ता है. श्यामू बताते हैं अगर फसल में कीड़े लग जाते हैं तो हम पहले अटैक नाम की दवाई डालते हैं. उसके बाद ओजोक्स दवाई का छिड़काव करते हैं. इसके अलावा झरनों लिक्विड भी डालते हैं जिससे फसल खराब न हो.
40 दिन में 50-60 हजार की कमाई
श्यामू की डेढ़ किले में करीब 2 क्विंटल भिंडी तैयार होती है. इस समय मंडी में भिंडी की कीमत 70 से 80 रुपये प्रति किलो चल रही है. इस हिसाब से 40 दिन में वे लगभग 50 से 60 हजार रुपये कमा लेते हैं.
खेती की लागत के बारे में वे बताते हैं कि इसमें खाद, बीज और दवाइयों का खर्चा आता है. इसके अलावा, जमीन पट्टे पर ली गई है जिसके लिए उन्हें साल भर का किराया देना पड़ता है. हम पट्टे वाले को एक किले का 30 हजार रुपये सालाना किराया देते हैं, श्यामू कहते हैं.
पढ़ाई के बाद पूरी तरह खेती में जुटे
श्यामू ने इंटर तक पढ़ाई की है लेकिन इसके बाद वे पूरी तरह खेती में लग गए. वे बताते हैं कि खेती ही उनका मुख्य काम है और इसी से घर चलता है. भिंडी की खेती उनके लिए फायदेमंद साबित हो रही है जिससे वे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.