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हरियाणा की ‘शामलात देह भूमि’ पर किसका हक? CM नायब सिंह सैनी का बड़ा बयान

चंडीगढ़ 13 मार्च 2025 : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि हरियाणा प्रदेश में अगर कहीं भी किसी भी गांव की शामलात देह भूमि वक्फ बोर्ड के नाम की गई है तो इसकी पूरी  जांच करवाई जाएगी।  उन्होंने कहा कि रोहतक – गोहाना मार्ग पर स्थित पीर बोधी मामले में जाँच के लिए  रोहतक मंडलायुक्त   के तत्वावधान में एक कमेटी का गठन किया जायेगा। करनाल मंडलायुक्त और जिला उपायुक्त रोहतक  इस कमेटी के सदस्य होंगे। यह कमेटी पीर बोधी मुददे से संबंधित सारे तथ्य और रिकॉर्ड की गहनता से जांच करेगी। 

वीओ: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को सदन में घोषणा करते हुए कहा कि हरियाणा प्रदेश में अगर कहीं भी किसी भी गांव की शामलात देह भूमि वक्फ बोर्ड के नाम की गई है तो इसकी पूरी  जांच करवाई जाएगी।  उन्होंने सदन में सदस्य द्वारा उठाये गया पीर बोधी मुद्दे को सरकार ने गंभीरता से लिए और अब तक की जाँच में जो तथ्य सामने आये हैं इसमें खुलासा हुआ कि  1967-68 में यह भूमि शामलात देह भूमि थी।

 वर्ष 1990 में यह भूमि भारत सरकार द्वारा पंजाब वक़्फ़ बोर्ड के नाम अधिसूचित कर दी गई।  तत्पश्चात, यह भूमि कब्रिस्तान के रूप में दर्ज की गई। अब यह भूमि वक़्फ़ बोर्ड के नाम है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि शामलात देह भूमि को वक्फ बोर्ड को कैसे स्थानांतरित किया गया ये बड़ा गंभीर विषय है।  इसके पीछे कौन सी ताकतें थीं और कौन लोग थे और  उन्होंने कैसे इसको वक्फ बोर्ड के नाम कर दिया।  

अब 2024 में एक लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद यह जमीन वक्फ बोर्ड के प्रबंधन में आई तथा अब लीज पर दी हुई है। उन्होंने कहा कि  प्रदेश सरकार जोहड़, तालाब और जलाशय के सरंक्षण के लिए संकल्पबद्ध है।  इसके लिए प्रदेश सरकार ने हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) अधिनियम 2024 में संशोधन किया।  इसमें शामलात देह भूमि पर 500 गज तक मकान बना कर रह रहे लोगों को मालिकाना हक़ दिया। लेकिन इसमें यह कहा गया की अगर वहां पर जोहड़ , तालाब या जलाशय है, तो मकान नहीं बनाया जा सकेगा।  हमारी सरकार ने जोहड़ , तालाब और जलाशयों को संरक्षित करने का काम किया है।

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