भोपाल 22 फरवरी 2025: राजधानी के भोपाल हाट बाजार में इन दिनों बिहार क्राफ्ट मेला का आयोजन किया गया है. इसमें हस्त निर्मित सिल्क रेशम और खादी के कपड़ों के साथ ही लकड़ी और बस से बने उत्पाद भी देखे जा सकते हैं. यहां मधुबनी आर्ट पेंटिंग लोगों को खूब पसंद आ रही है. इसमें मुख्य रूप से रामायण और महाभारत के अलग-अलग दृश्यों को दर्शाया जाता है.
बिहार के मधुबनी जिले से आए मोगेंद्र पासवान ने बताया कि हम इस तरह की चित्रकला सालों से करते हुए आ रहे हैं. उस समय सिर्फ कुछ लोग ही इस तरह की चित्रकला कर पाते थे. इस तरह की चित्रकला का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हमारे क्षेत्र में शादी विवाह या किसी अन्य त्यौहार में तोहफे के रूप में देने के लिए किया जाता है. इसके अतिरिक्त घर दफ्तर या किसी अन्य दीवार को सजाने के लिए इस चित्रकला का उपयोग किया जाता रहा है. आज के दौर में ऐसे हजारों चित्रकार मिल जाएंगे, जो मधुबनी पेंटिंग कर रहे हैं. मगर इसमें बड़ी की से काम करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है.
कैसे तैयार की जाती पेंटिंग
इस पेंटिंग को बनाने के लिए शुद्ध सब्जियों व फूलों से तैयार रंगों का इस्तेमाल किया जाता है. हम अपनी चित्रकला में मुख्य रूप से रामायण और महाभारत के प्रारूप को दर्शाते हैं. मोगेंद्र बताते हैं कि आज के दौर में बाजार में कई तरह की कंपनियां रंग बनाने का काम कर रही हैं. मगर मैं या हमारे क्षेत्र के 99% लोग आज भी फूल और पत्तियों से बने रंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
हैंडमेड पेपर का इस्तेमाल
इसके अलावा जिस पेपर पर इस चित्रकला को बनाया जाता है. वह भी हाथों से निर्मित होता है, जिसे खादी ग्रामोद्योग द्वारा तैयार किया जाता है. इसमें सबसे पहले गाय के गोबर क्लिप का पेपर के ऊपर इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही इसमें गोंद भी मिलाया जाता है. फिर इस मिश्रण को सुखाकर उसे पर चित्रकारी करना शुरू किया जाता है.
एक साइज की अधिकतर पेंटिंग
योगेंद्र ने बताया कि हमारे पास सबसे अधिक एक ही साइज की पेंटिंग रहती है, जो लोगों को पसंद भी आती है और हम इस पर काम करते हैं. इसमें 22×30 साइज सबसे ज्यादा बिकता है. हालांकि इसमें 2 महीने 2 दिन या 2 साल का भी समय लग सकता है यह हमारे काम के ऊपर निर्भर करता है.
कितना रहता काम
दाम की बात करें तो एक चित्रकला की कीमत करीब 3,500 रुपए से शुरू होती है. वहीं अधिकतम दाम की बात की जाए, तो 20 हजार से लेकर 22 हजार तक की पेंटिंग बिकती है. लोगों को यह चित्रकला काफी पसंद भी आ रही है और बड़ी संख्या में इसकी बिक्री हो रही है.
