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फागुन माह का प्रथम प्रदोष व्रत कब है? जानें शुभ संयोग और उपाय

अयोध्या 17 फरवरी 2025 : सनातन धर्म में प्रदोष का व्रत बेहद खास माना जाता है. प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत रखा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार प्रदोष का व्रत भगवान महादेव को समर्पित होता है. इस दिन व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि भी होती है. शिव पुराण के अनुसार प्रदोष व्रत करने से महादेव की विशेष कृपा रहती है. साथ ही सभी संकट दूर होते हैं तो चलिए इस रिपोर्ट में समझते हैं कि फरवरी महीने की अंतिम प्रदोष व्रत कब है और क्या है शुभ मुहूर्त .

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार फागुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 25 फरवरी को दोपहर 12:45 से शुरू होकर 26 फरवरी को सुबह 11:08 पर समाप्त होगा, जिसमें प्रदोष काल में संध्या 6:18 से लेकर 8:49 तक प्रदोष काल रहेगा. इस दिन कई शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है. जिसमें किया गया पूजा पाठ बेहद शुभ रहेगा.

प्रदोष व्रत के दिन ज्योतिषीय गणना के अनुसार श्री पुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ अद्भुत संयोग बन रहा है. देश में किया गया पूजा पाठ दोगुना फल भी देगा. इसके साथ ही इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान शंकर को जल अर्पित करना चाहिए. माता पार्वती और भगवान शंकर की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए. ऐसा करने से जीवन में आ रही तमाम परेशानियों से मुक्ति मिलेगी. साथ ही सुख समृद्धि तथा भाग्य में भी वृद्धि होगी.

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