17 फरवरी 2025 : बनासकांठा जिले के डीसा तालुका में स्थित नागफणा गांव में एक प्राचीन और प्रसिद्ध नागदेवता का मंदिर है, जो लगभग 250-300 साल पुराना माना जाता है. यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यहां हर साल हजारों लोग चमत्कारों का अनुभव करने आते हैं. गाँव में यह स्थान अब धार्मिक आस्था, चमत्कारों और सामाजिक सेवा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है.
मंदिर का इतिहास और महत्त्व
कहा जाता है कि जब इस क्षेत्र में पहली बार बस्ती बसाई गई थी, तब यह जगह निर्जन और नामहीन थी. इस गांव में रहने वाले लोग लगातार नागदेवता के दर्शन करते थे, जिनके आशीर्वाद से कई चमत्कारिक घटनाएं घटित होती थीं. इस अनुभव के बाद, गाँववासियों ने यहाँ एक छोटा सा मंदिर बनवाया और गाँव का नाम नागदेवता के सम्मान में ‘नागफणा’ रख दिया. तब से यह स्थान लोगों की आस्था का केंद्र बन गया.
चमत्कारी घटनाओं से जुड़ी लोक कथाएं
नागदेवता के साथ जुड़ी कई रोचक लोक कथाएं हैं. एक खास घटना में जब गाँव में सूखा पड़ा था, तब गाँववासियों ने भगवान से बारिश की प्रार्थना की. अगले ही दिन जोरदार बारिश हुई, और उसी समय से मंदिर में विशेष पूजा का सिलसिला शुरू हुआ. इस पूजा में लोग विशेष रूप से पानी की कमी और प्राकृतिक आपदाओं से मुक्ति की कामना करते हैं.
सामाजिक सेवा में भी अग्रणी
आज यह मंदिर केवल धार्मिक स्थल नहीं रहा, बल्कि यह एक सामाजिक सेवा का भी बड़ा केंद्र बन गया है. मंदिर द्वारा मिलने वाली दान राशि का उपयोग गौशाला, विधवा सहायता, अनाथ बच्चों की शिक्षा और अन्य सामाजिक कार्यों में किया जाता है. यहाँ आने वाले भक्तों की सेवा का भी ध्यान रखा जाता है, और जरूरतमंदों को यहाँ मदद मिलती है
नदी जैसा अद्भुत तालाब
मंदिर के पास स्थित एक रहस्यमय तालाब भी भक्तों के बीच विशेष चर्चा का विषय है. यहां के लोग मानते हैं कि यह तालाब कभी सूखता नहीं है, चाहे आसपास के क्षेत्र में पानी की कितनी भी कमी हो. यह तालाब नागदेवता के आशीर्वाद से हमेशा भरा रहता है, और यहाँ के पानी में अद्भुत गुण होने की मान्यता है.
