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लुधियाना में थाने के नाम पर विवाद, पुलिस और लोग परेशान

लुधियाना 16 फरवरी 2025महानगर में थाना दरेसी के कारण 2 थानों की पुलिस सहित आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई सालों से शहरवासी इस समस्या से जूझ रहे है। 2010 में लुधियाना पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू हुआ जिसके बाद महानगर के थानों की संख्या बढकर करीब 30 हो गई। इनमें से एक नया थाना बना जिसका नाम थाना दरेसी है। थाना दरेसी के इतिहास की बात करें तो पहले यह चौंकी सुंदर नगर के नाम से थाना बस्ती जोधेवाल के अंर्तगत आती थी। सुंदर नगर इलाका महानगर का एक सबसे पुराना इलाका है जिसे हौजरी के बिजनैस हब के रूप में भी जाना जाता है। इस इलाके में हजारों की संख्या में अधिकतर मध्यम वर्गीय परिवार रहते है। आमजन की मांग है कि थाना दरेसी के नाम को बदलकर थाना सुंदर नगर किया जाए।

परेशानी का सबसे बड़ा कारण

लुधियाना महानगर में एक दरेसी ग्राउंड है जोकि शहर का सबसे पुराना ग्राउंड है। जहां कई टूर्नामैंट हो चुके है जिस कारण शहर का आमजन दरेसी ग्राउंड को दरेसी इलाके से जानता ओर पहचानता है। दरेसी ग्राउंड और थाना डिवीजन नंबर 4 का रास्ता मात्र 100 मीटर की दूरी पर है। दरेसी ग्राउंड के आस पास का सारा क्षेत्र थाना डिवीजन नंबर 4 के अंर्तगत आता है। कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने से पहले थाना डिवीजन नंबर 4 को दरेसी के नाम से ज्यादा जाना जाता था परंतु कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद थाना बस्ती जोधेवाल के अंर्तगत आती चौंकी सुंदर नगर को थाना दरेसी का नाम दे दिया गया जिस कारण शिकायतकर्ता थाना दरेसी सुनकर थाना डिवीजन नंबर 4 पहुंच जाता है। जहां 2 थानों की पुलिस सहित शिकायतकर्ता को परेशानियों को सामना करना पड़ता है।

समाजसेवी कर रहे है थाना दरेसी के नाम के बदलाव की मांग

थाना दरेसी के इलाके सुंदर नगर के रहने वाले समाज सेवी रमेश जैन बिटटा, धीरज जैन सेठिया, प्रदीप सुराणा आदि का कहना है कि थाना दरेसी के नाम के कारण पीड़ित शिकायतकर्ता को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। अक्सर थाना दरेसी की शिकायत लेकर पीड़ित थाना डिवीजन नंबर 4 पहुंच जाता है जहां उसे बताया जाता है कि सुंदर नगर इलाके में थाना दरेसी है जहां जाकर वे अपनी शिकायत दें। थाना दरेसी का नाम थाना सुंदर नगर करने से आमजन सहित पुलिस प्रशासन को भी काफी राहत मिलेगी।

नाम बदलाव की चिटठी भेजे सरकार को: डी.सी.पी.

इस संबधी डी.सी.पी. जसकरण सिंह तेजा से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि थाने के नाम के बदलाव व हदबंदी की एक सरकारी प्रक्रिया होती है। 2010 में कमिश्नरेट सिस्टम लागू हुआ था  जिसके बाद कई नए थाने बने है। हदबंदी की समस्या थाना डिवीजन नंबर 5, 8 सहित सराभा नगर व माडल टाऊन इलाके में भी है। परंतु इस समस्या का समाधान पुलिस कमिश्नर के हाथों में नहीं है। विधायक, पार्षद, समाजसेवी व आम पब्लिक आगे आकर सरकार को लिखित दें जिससे कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान हो।

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