10 फरवरी 2025 : राहुल गांधी ‘मनुस्मृति’ का अपमान करने और अपनी एक विवादित टिप्पणी के चलते सुर्खियों में आ गए हैं. हाल ही मे बलात्कारियों के संरक्षण की बात कहते हुए ‘मनु स्मृति’ का जिक्र करने पर अब राहुल गांधी पर धार्मिक गुरुओं ने अपनी नाराजगी जताई है. ऐसे में प्रयागराज महाकुंभ में रविवार को एक धर्म संसद के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया है. सोशल मीडिया पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda Saraswati) ने एक वीडियो के जरिए ये कहा है कि राहुल गांधी एक महीने के भीतर अपना पक्ष, परमधर्मसंसद के सामने रखें. ऐसा न करने पर उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने की घोषणा की जाएगी.
जानकारी के अनुसार धर्म संसद में राहुल गांधी के उस बयान की चर्चा हुई जिसमें कांग्रेस नेता मनुस्मृति को लेकर अपनी बात रख रहे हैं. राहुल गांधी ने ये बयान लोकसभा में हाथरस गैंगरेप की घटना का जिक्र करते हुए दिया था. राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था, “ये संविधान में कहा लिखा है कि जो बलात्कार करते हैं वो बाहर घूमें और जिसका रेप हुआ वो घर में रहे. राहुल गांधी ने कहा कि ये आपकी किताब मनुस्मृति में लिखा होगा लेकिन संविधान में नहीं लिखा.” राहुल गांधी के इसी बयान पर धर्मसंसद में नाराजगी दिखाई गई है.
राहुल गांधी के इसी बयान के खिलाफ धर्मासद विकास पाटनी ने निंदा प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव को पढ़ते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस वीडियो में कहा कि “सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे एक वीडियो क्लिप में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को इस आशय का वक्तव्य कहते दिखाया जा रहा है कि मनुस्मृति बलात्कारियों के संरक्षण देती है. इससे मनुस्मति का पवित्र ग्रंथ मानने वाले करोड़ों आस्थावान लोगों को बड़ी पीड़ा हुई है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘उनकी ओर से धर्मासद विकास पासटनी ने निंदा प्रस्ताव रखा है. परम संसद 1008 राहुल गांधी के इस वक्तव्य की घोर निंदा करती है. तथा अपने आशय को स्पष्ट करने या क्षमा याचना की मांग करती है.’
राहुल गांधी को परमधर्म संसद के सामने अपनी सफाई रखने के लिए अब 1 महीने का समय दिया गया है. ये पत्र और प्रस्ताव उनतक पहुंचाया जाएगा. एक रिमाइंडर के बाद अगर वह इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते तो उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत कर दिया जाएगा.
