04 फरवरी 2025 : फरवरी का पहला प्रदोष व्रत माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा. यह प्रदोष व्रत रविवार के दिन है, इस वजह से यह रवि प्रदोष व्रत होगा. प्रदोष व्रत के दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है. रवि प्रदोष व्रत की पूजा के लिए आपको केवल सवा घंटे का शुभ मुहूर्त प्राप्त होगा. उस दिन प्रीति योग और पनुर्वस नक्षत्र का शुभ संयोग बनेगा. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि रवि प्रदोष व्रत कब है? शिव पूजा का मुहूर्त और त्रिपुष्कर योग का समय क्या है?
रवि प्रदोष व्रत 2025 तारीख
प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 9 फरवरी को शाम 7 बजकर 25 मिनट से होगा. यह तिथि 10 फरवरी को शाम 6 बजकर 57 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में प्रदोष पूजा मुहूर्त के आधार पर फरवरी का पहला प्रदोष व्रत 9 फरवरी रविवार को रखा जाएगा. यह रवि प्रदोष व्रत होगा.
त्रिपुष्कर समेत 2 शुभ योग में प्रदोष व्रत
रवि प्रदोष व्रत के दिन त्रिपुष्कर समेत 2 शुभ योग बन रहे हैं. प्रदोष के दिन त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है, जो शाम को 05 बजकर 53 मिनट से शाम 07 बजकर 25 पी एम तक रहेगा. वहीं, उस दिन प्रीति योग दोपहर में 12 बजकर 7 मिनट से बनेगा, जो पूर्ण रात्रि तक है. उससे पहले विष्कम्भ योग होगा. प्रदोष व्रत के दिन आर्द्रा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर शाम 05:53 बजे तक है. उसके बाद से पुनर्वसु नक्षत्र है.
त्रिपुष्कर समेत 2 शुभ योग में प्रदोष व्रत
रवि प्रदोष व्रत के दिन त्रिपुष्कर समेत 2 शुभ योग बन रहे हैं. प्रदोष के दिन त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है, जो शाम को 05 बजकर 53 मिनट से शाम 07 बजकर 25 पी एम तक रहेगा. वहीं, उस दिन प्रीति योग दोपहर में 12 बजकर 7 मिनट से बनेगा, जो पूर्ण रात्रि तक है. उससे पहले विष्कम्भ योग होगा. प्रदोष व्रत के दिन आर्द्रा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर शाम 05:53 बजे तक है. उसके बाद से पुनर्वसु नक्षत्र है.
रवि प्रदोष व्रत 2025 मुहूर्त
जो लोग 9 फरवरी को रवि प्रदोष व्रत रखेंगे, उनको शिव पूजा के लिए सवा घंटे का समय प्राप्त होगा. उस दिन आप शिव पूजा शाम में 7 बजकर 25 मिनट से रात 8 बजकर 42 मिनट के बीच कर सकते हैं.
फरवरी के प्रदोष व्रत पर ब्रह्म मुहूर्त प्रात:काल में 05 बजकर 20 मिनट से सुबह 06 बजकर 12 मिनट तक है. उस दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त दोपहर में 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक है. उस दिन का निशिता मुहूर्त देर रात 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 01 मिनट तक है.
रवि प्रदोष व्रत का महत्व
जो व्यक्ति विधि विधान से रवि प्रदोष व्रत रखता है, उसके आयु में वृद्धि होती है और सुख-शांति में बढ़ोत्तरी होती है. शिव पूजा करने से आपकी कुंडली का सूर्य और चंद्र दोष दूर होगा. आपके कष्ट, रोग और दोष मिटेंगे. शिव कृपा से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
