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इस दिशा में रखें हनुमान जी की फोटो, बुरी शक्तियों से होगी रक्षा

30 जनवरी 2025 : हनुमान जी कलयुग में सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता माने जाते हैं. ऐसी मान्यता है प्रभु श्री राम और माता जानकी की पूजा करने से हनुमान जी अतिथि प्रसन्न होकर मनोवांछित फल देते हैं. हनुमान जी के अलग-अलग आकृतियों की पूजा करने से हमें अलग-अलग परिणाम प्राप्त होते हैं. हनुमान जी की कुल 6 स्वरूप माने गए हैं.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्र अवतार हैं. आज हम आपको बताएंगे कि दक्षिणमुखी हनुमान जी की प्रतिमा की पूजा करने से आपको किस प्रकार लाभ मिलता है. आइये विस्तार से जानते हैं.

रूद्र के अवतार है हनुमान जी : हनुमान जी की जिस आकृति या प्रतिमा अथवा चित्र का मुंह दक्षिण दिशा की ओर होता है. ऐसी प्रतिमा को दक्षिणमुखी हनुमान कहा जाता है. दक्षिण दिशा को यमराज की दशा माना जाता है. हनुमान जी को रुद्र का अवतार माना जाता है और रुद्र यानी भोलेनाथ जो कि काल के देवता हैं. दक्षिण मुखी हनुमान जी की पूजा करने से मृत्यु भय, चिंताएं, आकस्मिक कष्ट आदि सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है.

नकारात्मक शक्तियां रहती हैं दूर : दक्षिण मुखी हनुमान जी का यह स्वरूप अपने उपासकों को भाई चिंता परेशानियों से मुक्ति के साथ सभी तरह की बुरी शक्तियों से भी बचाता है. यदि आप अपने घर में उत्तर की दिशा में हनुमान जी का चित्र लगाएंगे तो उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर होगा. दक्षिण की ओर मुख होने से हमें उनकी कृपा से सभी प्रकार की संकट और चिताओं से मुक्ति मिलेगी. साथ ही सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां घर से दूर होंगी. साधना करने के लिए भी दक्षिण मुखी हनुमान जी को श्रेष्ठ माना जाता है. हनुमानजी का नृसिंह मुख मुख दक्षिण दिशा की ओर है और यह जीवन से भय को दूर कर देते हैं. यदि आप हनुमान जी का दक्षिण मुखी चित्र अपने घर में लगा रहे हैं तो ध्यान रखें कि उनकी बैठी वाली मूर्ति या चित्र ही घर में लगानी चाहिए. सिर्फ लाल रंग की मूर्ति ही घर में लानी चाहिए. ध्यान रहे कि उनके चेहरे पर मुस्कान होनी चाहिए क्रोध वाला चेहरा होने से घर में समस्याएं आती है.

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