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सूर्यास्त के बाद फूल-पत्तियां क्यों नहीं तोड़ी जातीं?

Astro Tips 18 जनवरी 2025 : समातन धर्म में कई ऐसी मान्यताएं हैं जो कि हमारे धर के बड़े-बुजुर्ग हमें समय समय पर बताते रहते हैं. ऐसी ही एक बात हमने असकर सुनी है कि शाम हो गई है पेड़-पौधों को मत छूओं और फूल भी मत तोड़ो. यह बात सदियों से हम एक दूसरे या बड़ों के द्वारा सुनते आए हैं. लेकिन इसके पीछे क्या मान्यता है यह आपको बताते हैं.

क्या है इसका धार्मिक कारण
हिंदू धर्म में माना जाता है कि पेड़-पौधों में भी जीवन होता है और सूर्यास्त के बाद पेड़-पौधे भी विश्राम करते हैं. ऐसे में अगर हम शाम के समय पेड़-पौधों के छूते हैं तो उनके विश्राम में खलल हो सकती है. वहीं किसी की भी नींद खराब करना या उसे परेशान करना हिंदू धर्म में अनुचित माना जाता है इसलिए हमारे घर के बड़े कहते हैं कि पेड़-पौधों को नहीं छूना चाहिए.

इसके अलावा यह मान्यता है कि पेड़ पौधों पर छोटे-छोटे पशु-पक्षी और कीट-पतंगों भी अपने विश्राम के लिए उनपर बसेरा करते हैं. ऐसे में अगर हम उन्हें शाम के समय पेड़-पौधों को नहीं छूना चाहिए. जिससे की किसी की नींद भंग हो, इससे पशु-पक्षी डर भी सकते हैं.

यह भी हो सकता है एक कारण
दिनभर खिले रहने के बाद फूलों का सुगंध और सौन्दर्य दोनों सूर्यास्त के बाद समाप्त हो जाता है. ऐसे फूलों को तोड़कर यदि आप देवताओं को अर्पित करते हैं तो इससे पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है. वहीं सूर्यास्त के बाद फूलों को नहीं तोड़ने का एक यह कारण भी हो सकता है.

जानें क्या हैं वैज्ञानिक कारण
शाम के समय फूल-पत्तियां, पेड़-पौधों को नहीं छूना चाहिए इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी बताए जाते हैं. वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो शाम के समय पेड़-पौधे कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ते हैं. इसलिए रात में पेड़-पौधों के पास सोना, इन्हें छूना या तोड़ना निषेध मना जाता है.

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