हरिद्वार 16 जनवरी 2025 . हिंदू धर्म में आने वाले सभी पर्वों का अपना महत्व होता है. सभी पर्वों पर शास्त्रों की विधि अनुसार पूजा पाठ करने से स्वास्थ्य, शारीरिक, धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ होने की धार्मिक मान्यता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, एक माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष का आगमन होता है. जैसे पक्ष की एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है, वैसे ही त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है. कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत करने का विधान है. प्रदोष व्रत को विधि विधान से करने पर भगवान शिव की विशेष कृपा होने से जन्मों-जन्म के पाप खत्म हो जाते हैं और विशेष कृपा प्राप्त होती है. माघ मास भगवान शिव को समर्पित है. माघ के पहले प्रदोष व्रत पर खास संयोग बन रहा है. इस खास संयोग में भगवान शिव की विधि अनुसार पूजा-पाठ और व्रत करने पर लाख गुना फल मिलने की धार्मिक मान्यता है.
माघ मास के पहले प्रदोष व्रत के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री लोकल 18 को बताते हैं कि माघ मास का पहला प्रदोष व्रत खास संयोग में होगा. माघ महीने में प्रदोष व्रत 27 जनवरी दिन सोमवार को होगा. संयोग से माघ मास, प्रदोष व्रत और सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होते हैं. माघ का पहला प्रदोष व्रत सोमवार को होने से विशेष फल प्रदान करने वाला है. इस दिन भगवान शिव के निमित्त व्रत, पूजा-पाठ और उनके स्तोत्र आदि का पाठ करने से संपूर्ण से अधिक फल प्राप्त होगा.
अकाल मृत्यु के भय से मिलेगा छुटकारा
वह बताते हैं कि जो साधक प्रदोष व्रत को विधि अनुसार करते हैं, उन्हें भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. ब्रह्ममुहूर्त में स्नान आदि करके भोलेनाथ की आराधना, शिव तांडव स्तोत्र का जाप करने और प्रदोष व्रत का संकल्प करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा. प्रदोष व्रत, सोमवार का दिन और माघ मास के होने से व्रत का लाख गुना फल मिलेगा. भगवान शिव की कृपा से अकाल मृत्यु के भय और अकाल मृत्यु से छुटकारा मिलेगा और भगवान शिव मोक्ष का वरदान प्रदान करेंगे.
