चंडीगढ़ 8 जनवरी 2025 : ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एच.एम.पी.वी.) को देखते हुए हैल्थ विभाग ने भी अपनी तैयारियां पुख्ता कर ली हैं। डायरेक्टर हैल्थ डॉ. सुमन सिंह के मुताबिक घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ दिनों से लोगों में घबराहट है, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि हैल्थ मिनिस्ट्री से बैठक हुई थी। एहतियात को लेकर सभी इंतजाम देखें, जिनमें दवाएं, ऑक्सीजन बैड्स और वार्डस देखे गए। किसी तरह की कोई कमी नहीं है। यह सब एहतियात के तौर पर किया गया। अभी तक बच्चों में यह केस सामने आए हैं। पीडियाट्रिक सैंटर में एक वार्ड आइसोलेशन के लिए रखा हुआ है। सर्दियों में एलर्जी, वायरल, बुखार के मामले बढ़ जाते हैं, इसके लक्षण भी ठीक वैसे ही हैं। लक्षण सामने आने पर अपने आप को अलग रखें। परेशानी ज्यादा है तो डॉक्टर से मिलें। जहां तक टैस्टिंग का सवाल है, तो टैस्टिंग भी कोविड जैसी ही है।
कमजोर इम्यूनिटी वालों को सावधान रहने की जरूरत
डॉ. सिंह के मुताबिक कम उम्र के बच्चों, कमजोर इम्यूनिटी वालों और बुजुर्गों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। फेफड़ों की बीमारी से परेशान लोगों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। वहीं, एच.एम.पी.वी. से प्रभावित होने वाले कुछ लोगों में न्यूमोनिया या ब्रोंकोलाइटिस जैसे खतरनाक लक्षण देखने को मिल सकते हैं। यह वायरस फेफड़ों को प्रभावित करने वाले अन्य वायरस जैसा ही है।
सर्दियों में फैलता यह है फ्लू
डीन रिसर्च और इंटरनल मैडिसन विभाग के हैड प्रो. संजय जैन ने कहा कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस श्वसन वायरस है, जो सर्दियों के दौरान फैलता है। इससे अकसर खांसी, बुखार और गले में खराश जैसे इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण होते हैं। हालांकि यह सभी आयु समूहों को प्रभावित करता है, लेकिन यह विशेष रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए चिंताजनक है। वर्तमान में पी.जी.आई. में इन्फ्लूएंजा जैसे मामलों या अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में कोई उछाल नहीं है। हम अच्छी स्वच्छता बनाए रखें। जैसे कि हाथ धोना और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना। इन प्रकारों से निपटने के लिए चिकित्सा सुविधाएं पर्याप्त हैं। श्वसन संबंधी बीमारियों का प्रभावी ढंग से उपचार किया जा सकता है।
