उदयपुर, 29दिसंबर: उदयपुर मे पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के द्वारा आयोजित शिल्पग्राम महोत्सव में देश की सतरंगी लोक संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है. पांचवें दिन मुक्ताकाशी मंच पर पारंपरिक नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. यहां मंच पर कलाकारों ने सूफी रंग से सबको सराबोर कर दिया.
उदयपुर मे पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के द्वारा आयोजित शिल्पग्राम महोत्सव में देश की सतरंगी लोक संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है. पांचवें दिन मुक्ताकाशी मंच पर पारंपरिक नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

राजस्थान का प्रसिद्ध भवाई नृत्य और पुरुलिया छाऊ नृत्य रोमांचक करतबों से भरपूर रहा. भपंग वादन और नगाड़ा वादन पर कला प्रेमियों ने जमकर तालियां बजाई. भारतीय पारंपरिक खेल मलखंभ के अद्भुत करतबों ने लोगों को अचंभित किया. वहीं, बहुरूपिया और माइम (मुकाभिनय) ने दर्शकों को गुदगुदाने के साथ हंसने का भरपूर मौका दिया.
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान के अनुसार, गुरुवार को तमिलनाडु का कावड़ी कड़गम, ओडिशा का संबलपुरी, असम का बिहू और हरियाणा का घूमर नृत्य विशेष आकर्षण होंगे. मणिपुर के थांगता एंड स्टिक में मार्शल आर्ट का रोमांचक प्रदर्शन भी दर्शकों का दिल जीतेगा.
शिल्पग्राम महोत्सव न केवल भारतीय लोक कला और संस्कृति को एक मंच पर प्रस्तुत करता है बल्कि दर्शकों को भारतीय परंपराओं से जोड़ने का अनूठा अवसर भी प्रदान करता है.
