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जब ओपी चौटाला-बंसीलाल में छिड़ी जुबानी जंग

हरियाणा 20 दिसंबर 2024 हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जब सभी पार्टियां लगी हुई थी इस दौरान नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। नेताओं का एक-दूसरे के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने का ये सिलसिला कोई नया नहीं है, एक बार ऐसे ही 14 मार्च, 1995 में सदन में बजट पर हो रहे सामान्य चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के बीच टकराव इतना बढ़ गया था कि बंसीलाल ने कहा था कि कमीशन तो आप खाते हैं, मैं तो रोटी खाता हूं।

 सदन में सूबे के बजट पर सामान्य चर्चाओं का दौर चल रहा था। एसवाईएल निर्माण के मुद्दे पर पूर्व सीएम बंसीलाल और ओमप्रकाश चौटाला में टकराव हुआ। इसके बाद बिजली क्षमता बढ़ाने के मुद्दे पर सीएम भजन लाल और चौटाला ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए।
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वरिष्ठ सदस्यों की उपस्थिति बार-बार टकराव तक पहुंचती हुई दिखाई दी। बंसीलाल ने भजनलाल सरकार सहित चौटाला शासन में हुए कार्यों को चिह्नित करते हुए घेरने का काम किया। चौटाला ने पलटवार करते हुए कहा कि इन्होंने एसवाईएल को इसीलिए ही बनाया था कि कमीशन मिलेगा। क्योंकि, काम तो हैड से शुरू किया जाता है। फिर भी इन्होंने टेल से काम शुरू किया।
 
मैं कमीशन नहीं रोटी खाता हूं: बंसीलाल
यह अकेला ऐसा विषय नहीं रहा। चौटाला बोले-पंजाब बिजली बोर्ड से रिजेक्ट किए हुए पोल हरियाणा में लिए गए, क्योंकि उसमें भी कमीशन मिला था, उसी प्रकार कमीशन खाने के लिए ही इन्होंने नहर वाले मामले में उलटी गंगा बहा दी।
सदन में कमीशन खाए जाने जैसा आरोप लगने पर बंसीलाल ने कहा-कमीशन मैं नहीं खाता, मैं तो दो रोटी खाता हूं। कमीशन खाने का काम तो चौटाला साहब का है, मेरा नहीं, ऐसा काम यह करते हैं। दूसरा, हरियाणा में अगर एसवाईएल नहीं बनती तो पंजाब से अपने हिस्से का पानी कैसे मांगते?

  सीएम ने इसे गलत बयानबाजी करने की बात करते हुए पूछा कि क्या सरकार ऐसा काम करेगी, क्या हमारी सरकार किसी ब्लैक लिस्टेड कंपनी के साथ बात करेगी? सच तो यह है कि दुनिया की जो पांच बड़ी कंपनियां हैं, यह कंपनी उनमें से एक है। चौटाला बोले थे कि हम अपने अधिकारों से हाउस में आए हैं, किसी के रहमो कर्म पर नहीं हैं। आमने-सामने की बनी स्थिति पर जब भजनलाल ने आगे चुनाव के लिए चुनौती दी, तो चौटाला ने कहा-आगे चल कर क्यों, तुम अभी आओ। मैं भी रिजाइन देता हूं और तुम भी रिजाइन दो और दोनों हलको में चुनाव करवा कर देख लो। अगर आप कुछ बोलते हैं, तो सुनने की भी हिम्मत रखें। कहा कि इजरायल की जिस कंपनी के बारे में बात कर रहा हूं, उसे लेकर इस हाउस को गुमराह किया जा रहा है।

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