• Sun. Dec 22nd, 2024

ओम प्रकाश चौटाला का निधन: जानिए उनका कार्यकाल

20 दिसंबर 2024 : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनोलो के सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला का 89 साल की उम्र में निधन हो गया है। ओपी चौटाला ने 89 साल में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में दोपहर करीब 12 बजे अंतिम सांस ली। ओमप्रकाश चौटाला को कल सुबह 8 से 2 बजे तक तेजा खेड़ा फार्म पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे उनको मुखाग्नि दी जाएगी। 

हरियाणा की राजनीति में संघर्ष करने वाले ओपी चौटाला 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने, लेकिन उन्होंने सिर्फ एक बार ही अपना कार्यकाल पूरा किया है।  भारत के पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवी लाल के बेटे ओम प्रकाश चौटाला  2 दिसंबर 1989 को पहली बार सूबे के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी। उनका पहला कार्यकाल सिर्फ 6 महीने यानी 22 मई 1990 तक चला। चौटाला डेढ़ महीने बाद यानी 12 जुलाई 1990 को फिर से हरियाणा के सीएम बने, लेकिन 5 दिन के बाद 17 जुलाई 1990 को उनके हाथ से सत्ता दोबारा चली गई। 
 
22 मार्च 1991 को ओपी चौटाला ने तीसरी बार फिर से हरियाणा मुख्यमंत्री बने तो केंद्र सरकार ने दो हफ्ते बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया। तीसरे कार्यकाल में ओम प्रकाश चौटाला 5 अप्रैल 1991 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। ओम प्रकाश चौटाला इन तीनों ही कार्यकाल में जनता दल के नेता के तौर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री बने।

साल 1999 में चौथी बार सीएम बने ओपी चौटाला

इसके बाद ओम प्रकाश चौटाला के हाथ में हरियाणा की कमान काफी लंबे समय बाद साल 1999 में आई। वह 24 जुलाई 1999 को चौथी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और इस बार उनका कार्यकाल 6 महीने से कुछ लंबा रहा। इस चुनाव में हरियाणा में इनेलो को जीत मिली। इंडियन नेशनल लोकदल को हरियाणा में 90 में से 47 सीटों पर जीत मिली जबकि उसकी सहयोगी बीजेपी 6 सीटें जीतने में सफल रही।

10वीं हरियाणा विधानसभा के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल करने के बाद ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और उन्होंने पूरे 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। यह पहली बार था जब ओम प्रकाश चौटाला ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा किया। हालांकि इस कार्यकाल के बाद हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को बड़ा झटका लगा और वो महज 9 सीटों पर सिमट गई। इस चुनाव में मिली हार के साथ ही हरियाणा की राजनीति में ओम प्रकाश चौटाला के युग का भी अस्त हो गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *