चंडीगढ़ 19 दिसंबर 2024 : हरियाणा में लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पूरी तरह से एक्टिव है। साथ ही वह पार्टी के मंत्रियों और विधायकों को अपने-अपने इलाके में एक्टिव रहने की सलाह दे रहे हैं।
इसी कड़ी में अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी दो दिवसीय राजस्थान दौरे पर रवाना होंगे। 20 और 21 दिसंबर को नायब सैनी दो दिवसीय राजस्थान दौरे पर रहेंगे। 20 दिसंबर की सुबह करीब साढ़े 11 बजे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चंडीगढ़ से राजस्थान के जैसलमेंर के लिए रवाना होंगे। मुख्यमंत्री शाम 4 बजे जैसलमेर के मैरियट रिसॉर्ट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बुलाई गी प्री बजट मीटिंग में शामिल होंगे। इसके अलावा 21 दिसंबर को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बुलाई गई जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक मे शामिल होंगे। 21 दिसंबर को ही मुख्यमंत्री नायब सैनी राजस्थान से सारे कामकाज निपटाकर 21 दिसंबर की शाम को चंडीगढ़ वापस लौटेंगे।
प्रदेश के बजट समेत रेलवे के मुद्दों पर होगी चर्चा
बता दें कि हरियाणा में वित्त विभाग मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के ही पास है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी वित्त विभाग अपने पास ही रखा था। ऐसे में एक वित्त मंत्री होने के नाते देश के वित्त मंत्री के साथ होने वाली उनकी बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्री बजट मीटिंग में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण के समक्ष प्रदेश के विकास को लेकर बनाई जाने वाली कईं योजनाओं को रखा जा सकता है। इसके साथ ही हरियाणा में वर्षों से कईं रेल प्रोजेक्ट भी लंबित है। चूंकि रेल बजट भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से ही पेश किया जाएगा। ऐसे में मुख्यमंत्री की ओर से प्रदेश में वर्षों से लटके रेल प्रोजेक्ट के बारे में भी उनसे चर्चा कर उन प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू करवाने की भी अपील की जा सकती है। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गंगा-यमुना तहजीब को मिलाने के लिए रेलवे के विस्तार की बात कह चुके हैं। इसके अलावा कईं अन्य रेल प्रोजेक्ट वर्षों से लटके हुए है, जो केवल घोषणा होने तक ही सीमित रहे हैं।
इसलिए महत्वपूर्ण है जीएसटी की बैठक
जीएसटी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक 21 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर में होने वाली है। 55वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में कुछ अहम मुद्दों पर फैसला लिया जाएगा और इसमें कई गुड्स और सर्विसेज पर जीएसटी दरों को घटाने और बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है। हरियाणा में कई प्रकार के गुड्स का निर्माण होता है। ऐसे में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में दरों को लेकर बड़ा सुझाव दिया जा सकता है। जीएसटी काउंसिल की तरफ से फूड डिलीवरी एप्स के जरिए खाना मंगाने वाले कस्टमर्स को कुछ राहत मिल सकती है। जीएसटी परिषद की ओर से फूड डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) घटाया जा सकता है। अगर जीएसटी काउंसिल की बैठक में फिटमेंट कमिटी के दिए गए सिफारिशों को माना जाता है तो आपके फूड डिलीवरी पर लगने वाले चार्ज में बड़ी कटौती हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की तरफ से खाने की डिलीवरी पर अभी कस्टमर्स को 18 परसेंट जीएसटी देना होता है जिसे घटाकर 5 फीसदी किया जा सकता है।