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पंजाबियों पर बड़ा खतरा, जानें पूरी खबर

मालेरकोटला 09 दिसंबर 2024 पंजाब के मालेरकोटला में लोगों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि नगर कौंसिल मालेरकोटला द्वारा शहरवासियों को बिना क्लोरीन वाला पानी सप्लाई करके लोगों की सेहत के साथ कथित खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है। जिस अनुसार शहर में लोगों के घरों दुकानों को पीने वाला पानी सप्लाई करने के लिए नगर कौंसिल द्वारा शहर के अलग-अलग हिस्सों में छोटे-बड़े करीब 37 ट्यूबवैल लगाए हुए बताए जाते हैं। चाहे कि नगर कौंसिल के संबंधित अधिकारी बड़े ट्यूबवैलों पर क्लोरीन पाए जाने का दावा करते हैं, परन्तु भरोसेयोग्य सूत्रों मुताबिक ज्यादातर ट्यूबवैलों पर कथित क्लोरीन के बगैर ही पानी की सप्लाई की जा रही है।

पंजाब भर में बड़ी फैक्टरीयों द्वारा कैमीकलों वाला पानी कथित बोर करके धरती के नीचे जाने के कारण धरती निचले पानी में खतरनाक रासायनों की मात्रा बढ़ गई है। ऐसे पानी को पीने से लोग कैंसर जैसी भयानक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।सेहत माहिरों के अनुसार मनुष्यों को 50 प्रतिशत से ज्यादा बीमारियां पीने वाले दूषित पानी से हो रही है। रिपोर्टे बोलती है कि पंजाब के कुल 12,423 गांवों में से 11,849 गांवों का जमीनी पानी पीने योग्य नहीं है। शहर में लगे ट्यूबवैलों का दौरा करने पर देखा कि कई ट्यूबवैलों पर कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था तथा कुछ ट्यूबवैल पर क्लोरीन मिक्स करने वाला सिस्टम तो लगा हुआ है, लेकिन वहां क्लोरीन पाए जाने जैसी कथित कोई बात दिखाई नहीं दी, क्योंकि ट्यूबवैल चलते होने के बावजूद डोजरों के स्विच कथित बंद पड़े देखे गए।इसी तरह शहर के कई गली-मोहल्लों में पानी की सप्लाई कम होने के चलते उक्त क्षेत्रों में पानी की सप्लाई पूरी करने के लिए नगर कौंसिल द्वारा लगाई गई छोटी ट्यूबवैल मोटरों पर कथित डोजर या क्लोरीन मिक्सर सिस्टम लगा ही नहीं हुआ है।

मिली जानकारी के अनुसार ट्यूबवैलों पर क्लोरीन पाई जाती है या नहीं यह चैक करने के लिए कोई भी बड़ा अधिकारी या कौंसिल अध्यक्ष कभी आता ही नहीं, यदि कोई पत्रकार इस संबंधी पूछने के लिए उनको फोन करता है, तो बार-बार फोन कररने पर भी वह पत्रकारों का फोन नहीं उठाते, यदि सामने से मिलकर पत्रकार सवाल करते हैं, तो वह स्पष्ट जवाब देने की बजाए गोलमोल बातें करके टाल जाते हैं। जब इस संबंधी नगर कौंसिल के वाटर सप्लाई प्रबंधों की देखरेख कर रहे जिम्मेवार कर्मचारी गुरचरन सिंह के साथ मोबाइल पर बात की, तो उन्होंने कहा कि जो ट्यूबवैलों पर क्लोरीन मिक्स करने के लिए डोजर लगे हुए हैं, उन पर क्लोरीन पाई जाती है, परन्तु उनके साथ ही यह भी माना कि शहर के गली-मोहल्लों में जो ट्यूबवैल मोटरें लगी हुई हैं, उन पर क्लोरीन मिक्स करने वाला डोजर लगा ही नहीं हुआ।

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