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मोहन भागवत का बयान: हिंदूओं को 3-3 बच्चे पैदा करने की सलाह

2 दिसंबर 2024 : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) का कहना है कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1% से नीचे नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्‍होंने ये बात भी कह दी कि इसके लिए जरूरी है कि 2 की बजाय 3 बच्चे पैदा करें. यह संख्या इसलिए जरूरी है, ताकि समाज जिंदा रहे. मोहन भागवत ने रविवार को नागपुर में कठाले कुल सम्मेलन में एक सभा में बोलते हुए कहा, कुटुंब समाज का हिस्सा है और हर परिवार एक इकाई है. हालांकि जनसंख्‍या वृद्ध‍ि को देखते हुए सालों से ‘बच्‍चे 2 ही अच्‍छे’ का नारा सरकार की तरफ से लगाया जाता रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर एक ‘आर्दश ह‍िंदू परिवार’ को क‍ितने बच्‍चे पैदा करने चाहिए? जानिए सनातन धर्म में इसके बारे में क्‍या कहा गया है.

मोहन भागवत से पहले प्रसिद्ध कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने जबलपुर में एक कथा के दौरान कहा कि ‘ह‍िंदुओं को 5-5 बच्‍चे पैदा करने चाहिए.’ वहीं कुछ धर्म गुरु मह‍िलाओं को कम से कम 4-4 बच्‍चे पैदा करने की बात कह चुके हैं. ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस सवाल के जवाब में कहा, ‘हमारे यहां ‘बहु पुत्रवति भव’ ये आशीर्वाद हमेशा से द‍िया जाता है. ‘बहु’ का मतलब होता है बहुवचन. आपकी ह‍िंदी में एक वचन और बहुवचन होते हैं. यानी 2 भी हो तो वो बहुवचन हो जाता है. लेकिन संस्‍कृति में एक वचन, द्व‍िवचन और बहुचन होते हैं. यानी तीन होने पर ही उसे बहुचन कहा जाता है. इसका अर्थ है कि तीन तो होने ही चाहिए. बहु पुत्रवति में ‘बहु’ शब्‍द इसी बात को दर्शाता है.’

भ्रूण हत्‍या पाप है
शंकराचार्य सोशल मीड‍िया पर डाले गए अपने इस वीड‍ियो में आगे कहते हैं, ‘हमारे यहां पहले न‍ियोजन (प्‍लान‍िंग) नहीं क‍िया जाता था. ये माना जाता था कि सहज में जब गर्भ धारण हो जाए तो संतान को जन्‍म लेने का अध‍िकार देना चाहिए. अब ऐसी परिस्‍थ‍िति हो रही है कि गर्भधारण तो हो रहा है, लेकिन उसकी भ्रूण हत्‍या की जा रही है. शास्‍त्रों में भ्रूण हत्‍या को मनुष्‍य की हत्‍या के समान ही माना गया है. सबसे पहले तो सनातनी दंपत्ति को भ्रूण हत्‍या नहीं करनी चाहिए.’ वह आगे कहते हैं, ‘अगर धार्मिक दृष्‍ट‍िकोण से देखें तो ज‍ितने भी पुत्र या पुत्र‍ियां हों, वह सब स्‍वागत के योग्‍य होते हैं.’

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