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700 साल पुराना यह व्यापार आज भी हजारों लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है, और अफ्रीका से लेकर जापान तक इसकी मांग है

30 नवंबर 2024 – गुजरात का खंभात, जो आणंद ज़िले का एक ऐतिहासिक शहर है, 700 साल पुराना अकीक पत्थर व्यवसाय का केंद्र रहा है। इस व्यवसाय से आज भी करीब 5,000 लोग जुड़े हुए हैं। खंभात के समुद्री बंदरगाह के समय से अकीक पत्थर का व्यापार शुरू हुआ, जब अफ्रीका और गल्फ देशों के लोग इसे शुभ मानते थे और खंभात आते थे। यहां के लोग झगड़िया गांव से कच्चे अकीक पत्थर लाकर उनका加工 करते थे, और फिर उन्हें विदेशी खरीदारों को बेचते थे। हालांकि, आजकल इस व्यवसाय में मंदी आई है, जो यहां के व्यापारियों का कहना है।

अकीक व्यवसाय की शुरुआत
व्यापारियों का कहना है कि खंभात में अकीक व्यवसाय का आरंभ तब हुआ था जब खंभात का समुद्री बंदरगाह सक्रिय था। उस समय, अफ्रीका और गल्फ देशों के लोग खंभात आते थे और लाल अकीक पत्थर को अपने धार्मिक कार्यों में इस्तेमाल करते थे। इन पत्थरों को झगड़िया गांव से लाया जाता था और खंभात में जहाजों से अफ्रीका और गल्फ देशों को बेचा जाता था। झगड़िया के लोग जब खंभात लौटते थे तो रास्ते में लुटेरों के हाथों लूटे जाते थे, इस कारण वे खंभात में बस गए और यहां अकीक व्यवसाय की नींव डाली।

चीन से प्रतिस्पर्धा और अकीक का महत्व
आजकल खंभात का अकीक व्यवसाय चीन से प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है, क्योंकि चीन सस्ते दामों में आकर्षक पत्थर बेच रहा है। फिर भी, जो लोग अकीक की असली क़ीमत समझते हैं, वे चीनी पत्थरों को नकारते हैं। अकीक से विभिन्न वस्तुएं बनती हैं जैसे मछलीघर सजावट, वास्तुशास्त्र से संबंधित सामान, होटल और बगीचों में उपयोग होने वाली वस्तुएं, और गहने, जो हजारों लोगों की आजीविका का स्रोत बने हुए हैं।

दारूकोठा क्षेत्र का योगदान
दारूकोठा क्षेत्र के लोग खंभात के अकीक व्यवसाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां के ठाकोर समाज के पुरुष अकीक पत्थर तोड़ने का कार्य करते हैं, और महिलाएं भी इस काम में भाग लेती हैं, जिससे घर की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।

अकीक को अंतरराष्ट्रीय पहचान
खंभात के अकीक को अंतरराष्ट्रीय पहचान तब मिली जब साबीर भाई शेख, जो खंभात के शेखवाड़ी इलाके के अकीक व्यापारी हैं, ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे को अकीक से बना एक बाउल भेंट किया। यह परिवार तीन पीढ़ियों से इस व्यवसाय में है और उनका व्यवसाय आज भी चलता है।

अकीक की वैश्विक मांग
अकीक से बनी वस्तुओं की मांग देश और विदेश में बढ़ रही है, खासकर ध्यान, वास्तुशास्त्र, और रेखी जैसी क्रियाओं के लिए। वर्तमान में व्यवसाय में मंदी का सामना किया जा रहा है, लेकिन फिर भी अकीक से बनी आकर्षक वस्तुएं, जैसे हाथी, शिवलिंग, भगवान की मूर्तियां, चाकू, चम्मच आदि, ग्राहकों को आकर्षित करती हैं। इन वस्तुओं को देख कर ग्राहक इनका खरीदारी करने के लिए प्रेरित होते हैं, और खंभात के कारीगरों का आभार व्यक्त करते हैं।

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