चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : देश के सबसे सुंदर शहरों में शुमार हरियाणा-पंजाब की राजधानी चंडीगढ़, जिसे सिटी ब्यूटीफुल भी कहा जाता है, को लेकर आजकल हरियाणा और पंजाब में जमकर राजनीति हो रही है। चंडीगढ़ में जहां पंजाब का 60 प्रतिशत का हक है। वहीं हरियाणा का 40 प्रतिशत हक है। इन सबके बावजूद 2026 के नए राजनीतिक परिसीमन में हरियाणा में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या बढ़ने की संभावना के चलते प्रदेश के लिए अलग से विधानसभा बनाने की कार्रवाई शुरू की गई।
नई विधानसभा बनाने के लिए जमीन हतांतरण को लेकर आड़े आ रहे पर्यावरण कानून की दिक्कत को केंद्र की ओर से खत्म किए जाने के बाद खुद को हरियाणा का बड़ा भाई कहलाने वाले पंजाब के सियासी दलों का पारा एकाएक ही चढ़ गया। इतना ही नहीं पंजाब में फुल वाले दल के नेता भी केंद्र के इस फैसले के खिलाफ हो गए। देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के बावजूद पंजाब ने अभी तक हरियाणा को उसके हक का एसवाईएल का पानी नहीं दिया गया है। ऐसे में अब जब हरियाणा अपनी राजधानी में खुद के लिए अलग से विधानसभा का नया भवन बनाना चाहता है तो पंजाब की ओर से इस पर आपत्ति जताने का औचित्य समझ से परे है।
एक ओर जहां हरियाणा के नेता सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ पर दोनों राज्यों का समान अधिकार होने का दावा किया जा रहा है। इसके उल्ट पंजाब के राजनेता सीधे और साफ तौर पर चंडीगढ़ पर पूरी तरह से अपना हक जता रहे हैं। हालांकि हरियाणा के गब्बर कहलाए जाने वाले नेता के अलावा कुछ अन्य नेताओं ने पंजाब की इस आपत्ति पर एतराज जताते हुए एसवाईएल का पानी और हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को देने की मांग कर डाली। इन सबके बावजूद जहां पंजाब के राजनेता किसी भी सूरत में हरियाणा को चंडीगढ़ में जमीन नहीं देने की बात कह रहे हैं। वहीं हरियाणा की ओर से केंद्र सरकार के इस फैसले पर खुशी जताते हुए अपनी अलग से नई विधानसभा बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हुई है कि जमीन अधिग्रहण के बाद हरियाणा की नई विधानसभा के काम के शुरू होने पर क्या हालात बनते हैं ?
महाराष्ट्र में भी बंटेगी जलेबी!
हरियाणा में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पंजे वाले दल के युवराज और देश की सबसे बड़ी पंचायत में विपक्ष के नेता की भूमिका निभा रहे राहुल बाबा की ओर से जलेबी की फैक्ट्री लगाने को लेकर दिया गया बयान महाराष्ट्र चुनाव में भी उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है। महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार करने पहुंचे हरियाणा के बड़े साहब ने चुनाव के बाद वहां भी जलेबी बांटने की घोषणा कर दी। हरियाणा के बड़े साहब नायब सैनी ने महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान मंच से घोषणा की कि वहां की हर विधानसभा में जलेबी बांटी जाएगी। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के लोगों ने भी पीएम मोदी के साथ चलने का मन बना लिया है। महाराष्ट्र में दूसरी बार भारी बहुमत के साथ डबल इंजन की सरकार बनेगी। बता दें कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इस बार लड्डू की बजाए जलेबी खिलाकर एक-दूसरे का मुंह मीठा करवाया था। इसके अलावा कई नेताओं ने पंजे वाले दल के कुछ नेताओं और राहुल बाबा को भी जलेबी भेजी थी। इसलिए अब महाराष्ट्र के चुनाव में भी नायब सैनी जीतने पर लड्डू की बजाए जलेबी बांटने की बात कह रहे हैं।
‘गब्बर’ के नाम से भागती हैं दुष्ट आत्माएं!
किसी इंसान पर भूत-प्रेत या दुष्त आत्मा का साया होने पर उसे हनुमान जी का नाम सुनाने के अलावा झाड़-फूंक करवाई जाती है। अब दुष्ट आत्मा को भगाने का एक और नया नाम सामने आया है। दअरसल, हर मुद्दे पर विपक्ष को खुला जवाब देने वाले हरियाणा के ‘गब्बर’ कहलाए जाने वाले मंत्री अनिल विज ने अपने अलग अंदाज में विपक्ष पर हमला बोला। विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा विज ने कहा कि जैसे महावीर बजरंग बली का नाम लेने से भूत पिशाच भाग जाते हैं, वैसे ही अनिल विज का नाम सुनकर भी बुरी आत्माएं भाग जाती हैं। एक सभा में बोलते हुए विज ने कहा कि “दुष्ट आत्माएं कहीं भी घुस जाती हैं और किसी के भी शरीर में घुसकर उनसे ये गलत काम करवाती हैं”। अनिल विज ने कहा कि ‘‘मेरा नाम भी अनिल विज है, जैसे महावीर का नाम लेने से भूत-पिशाच भाग जाते हैं, वैसे ही अनिल विज का नाम सुनकर भी बुरी आत्माएं चली जाती हैं।” दरअसल हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अंबाला के अलग-अलग क्षेत्रों में 1.65 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली पांच धर्मशालाओं और कम्यूनिटी सेंटरों का शिलान्यास करने पहुंचे थे। इस दौरान गांव कलरहेड़ी में धर्मशाला के शिलान्यास के मौके पर उन्होंने सभा में विपक्ष पर कटाक्ष करते हए ये बातें कही। विज ने कहा कि ये धर्मशाला चुनाव से पहले ही मंजूर हो गई थी और इसके अलावा नौ धर्मशालाएं और भी चुनाव से पहले मंजूर हो गई थी, टेंडर भी हो गए थे, वर्क भी अलॉट हो गए थे, लेकिन कुछ दुष्ट आत्माओं ने हमें चुनाव में नुकसान पहुंचाने के लिए ये काम रुकवा दिए। उन्होंने कहा कि अगर ये कार्य रोके नहीं होते तो अब तक ये धर्मशालाएं बनकर तैयार भी हो गई होती।
अपने बेबाक अंदाज को लेकर बयानबाजी करने वाले हरियाणा के माननीय दादा गौतम को उम्मीद थी कि शायद इस बार उन्हें सत्ता में मंत्री पद मिल जाए, लेकिन ऐसा नहीं होने पर विधानसभा के सत्र के दौरान वह कुछ नाराज और उखड़े-उखड़े नजर आए। विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ पहुंचे दादा रामकुमार गौतम ने अपने हालात के लिए मीडिया को जिम्मेदार ठहराते हुए सच बोलने की अपनी कमी की बात भी खुले तौर पर कही। उन्होंने कहा कि उनकी सच बोलने की आदत है और सच का आजकल जमाना नहीं है। आज हर किसी को झूठा-कुठा चाहिए।
‘गब्बर’ के पक्ष में आ गया पंजे वाला दल!
हरियाणा में पंजे और फुल वाले दल के नेताओं के बीच की तलखी किसी से छिपी नहीं है। एक और जहां फुल वाले दल ने सभी अनुमानों को झुठलाते हुए प्रदेश में लगातार तीसरी बार अपनी सरकार बनाने का काम किया। वहीं, विधानसभा के सत्र की शुरूआत में ही पंजे वाले दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा भी ‘गब्बर’ के पक्ष में खड़े दिखाई दिए। दअरसल, यह सभी नेता विधानसभा चुनाव के दौरान ‘गब्बर’ यानि अनिल विज की ओर से अपनी हत्या किए जाने की आशंका को लेकर दिए गए बयान को लेकर सरकार से जवाब मांग रहे थे। पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष रहे रघुबीर कादियान और अशोक अरोड़ा ने गब्बर की सुरक्षा को लेकर सरकार से जवाब मांगा तो पूर्व के बड़े साहब भूपेंद्र हुड्डा ने मुख्यमंत्री को इसका हल भी बता दिया। हुड्डा ने मुख्यमंत्री को गृह विभाग फिर से अनिल विज को देने की सलाह देते हुए कहा कि ऐसा होने पर वह खुद ही मामले की जांच करवा लेंगे। बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए पहुंचे अनिल विज का अंबाला के गरनाला और शाहपुर में कुछ लोगों ने उग्र विरोध किया था। इस दौरान उनकी सुरक्षा भी कम कर दी गई थी। विज ने पिछले दिनों अंबाला के उपायुक्त पार्थ गुप्ता को खरी-खरी सुनाते हुए आरोप लगाया था कि प्रशासन उन्हें मरवाना चाहता था। उन्होंने खुद डीसी और एसडीएम को मैसेज कर जानकारी दी थी कि वे जनसभा करने जा रहे हैं। इसके बावजूद दोनों जगह विरोध हुआ। गरनाला और शाहपुर में विज के समर्थक और दूसरी पार्टी के समर्थक आमने-सामने हो गए थे। हालांकि विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की ओर से जब अनिल विज की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा उठाया जा रहा था, तब वे पूरे समय शांत बैठे सुनते रहे।
दो साल में 70 लाख लोग हो गए गरीब!
एक ओर जहां हरियाणा सरकार की ओर से प्रदेश के गरीब व्यक्ति की आय बढ़ाने के कईं दावे किए जा रहे हैं। वहीं, सरकारी आंकड़ों की माने तो बीते 2 साल में सूबे के करीब 70 लाख लोग गरीब हो चुके हैं। हरियाणा की अनुमानित 2.8 करोड़ आबादी में से 1.98 करोड़ लोग यानी कि करीब 70 प्रतिशत लोग बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) की श्रेणी में आते हैं। बीपीएल के बढ़ते आंकड़ों के अलावा इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले दो सालों में लगभग 70 लाख लोगों से ज्यादा को इस श्रेणी में जोड़ा गया है। दिसंबर 2022 में लगभग 1.24 करोड़ लोगों (कुल आबादी का 44 प्रतिशत) को इस श्रेणी में सूचीबद्ध किया था, लेकिन पिछले दो वर्षों में उनकी संख्या में लगभग 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अब आंकड़ा 1.98 करोड़ है। ये आंकड़े हरियाणा सरकार के राज्य में विकास में तेज़ी लाने के दावे पर सवाल खड़ा करते है। हालांकि सरकार की ओर से इस पूरे प्रकरण की जांच करवाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब सब कुछ पोर्टल पर पारदर्शी तरीके से हो रहा है तो फिर अचानक से लाखों की संख्या में लोग कैसे गरीब हो गए ? यदि वह सच में ही बीपीएल की कैटेगरी में आते हैं तो इतने समय से सरकार को इस बारे में कैसे पता नहीं चला ? खैर इसकी सच्चाई क्या है, यह तो जांच के बाद ही सामने आ पाएगी।
बदल जाएगी हरियाणा की राजनीतिक सूरत!
आने वाले समय में हरियाणा में नया परिसीमन होने से पहले जहां प्रदेश सरकार अभी से इसकी तैयारियों में जुट गई है। वहीं, नए परिसीमन के बाद बदलने वाली प्रदेश की राजनीतिक सूरत को लेकर सरकार की ओर से नए विधानसभा भवन के निर्माण की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। हरियाणा में 2029 के चुनाव से पहले परिसीमन होगा। परिसीमन होने पर हरियाणा में विधानसभा की 126 और लोकसभा की 14 सीटें निर्धारित की जा सकती है। ऐसे में परिसीमन को देखते हुए भाजपा ने अभी से जमीनी स्तर पर कार्य शुरू कर दिया है। भाजपा गांव दर गांव सर्वे कराने में जुटी है। इससे पहले हरियाणा में 2007-2008 में परिसीमन हुआ था। उस समय राज्य में कांग्रेस की हुड्डा सरकार थी। इस दौरान कई विधानसभा को तोड़कर नया बनाया गया था। खासकर सिरसा, हिसार और अहीरवाल क्षेत्र में कई जगह परिसीमन से बदलाव हुए थे। अब भाजपा भी अपने हिसाब से सीटों में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। भाजपा का मुख्य फोकस उन क्षेत्रों पर है जहां उन्हें एक भी सीट नहीं मिली। इसलिए रोहतक, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और मेवात के एरिया में परिसीमन कर बदलाव किया जा सकता है। हुड्डा की विधानसभा सीट गढ़ी सांपला किलोई को रिजर्व किया जा सकता है। कलानौर को जरनल सीट में बदला जा सकता है। मौजूदा समय में प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से 2 सीटें अंबाला और सिरसा आरक्षित हैं। जबकि, 90 विधानसभा सीटों में से 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। परिसीमन के बाद राज्य में 14 लोकसभा सीटों में से 3 आरक्षित हो सकती हैं, जबकि, 126 विधानसभा में से 25 सीटें रिजर्व कैटेगरी में रखी जा सकती हैं।
मंत्री जी की ठोकर ने खोल दी सड़क की पोल
2024 में हुए हरियाणा के विधानसभा चुनाव से जहां प्रदेश की सियासत और सत्ता में नया रिकॉर्ड बना। वहीं, लगातार तीसरी बार सूबे की सत्ता में लौटने पर शुरू से ही भाजपा के मंत्री जोश से भरे हुए है। ऐसे में विभागों के बंटवारे से पहले ही बीजेपी के विधायकों और मंत्रियों ने अधिकारियों को सुधर जाने और जनहित के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश देने शुरू कर दिए गए थे। अब विभागों के बंटवारे के बाद हर मंत्री अपने-अपने विभाग को सुधारने में लगा है। ऐसे में मंत्री रणबीर गंगवा ने हिसार जिले में बनी एक सड़क की क्वालिटी चेक करने के लिए उसपर ठोकर मारी तो पूरी सच्चाई मंत्री जी के सामने आ गई। मंत्री जी के ठोकर मारते ही सड़क उखड़ गई। सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किए जाने पर मंत्री जी ने तुरंत ही लोक निर्माण विभाग के तीन अधिकारियों को सस्पेंड करने के निर्देश दे दिए। बता दें कि लोक निर्माण विभाग पर सड़क निर्माण के कार्य में अकसर घटिया सामग्री इस्तेमाल किए जाने के आरोप लगते रहे हैं, जोकि मंत्री जी की एक ठोकर में सामने भी आ गया है। ऐसे में देखना यह होगा कि मंत्री जी की ओर से लिए गए इस एक्शन के बाद दूसरे अधिकारी अपनी कार्यशैली में कितना सुधार लाते हैं ?
ट्रिप मॉनिटरिंग से सुरक्षित होगा महिलाओं का सफर!
हरियाणा में देर रात तक काम करने वाली या फिर देर रात को घर लौटने वाली महिलाओं के लिए अच्छी खबर है। अब महिलाएं अकेली होने पर भी सुरक्षित सफर कर सकेंगी। इसके लिए पुलिस ने ट्रिप मॉनिटरिंग सेवा शुरू की है, जिसके तहत पुलिस महिलाओं को घर तक सुरक्षित पहुंचाने का काम करेगी। ये सुविधा दे देर रात ऑटो या कैब में सफर करने वाली महिलाओं के लिए हैं। दिन में भी महिलाएं इसका सुविधा की लाभ ले सकती हैं। देर रात कैब और ऑटो में सफर करने वाली महिलाएं 112 पर फोन कर ट्रिप मॉनिटरिंग की सुविधा ले सकती हैं। सुविधा लेने के लिए महिला को सबसे पहले 112 पर फोन करना होगा और वेब-आधारित फॉर्म के माध्यम से अपनी यात्रा का पंजीकरण करवाना होगा, जैसे उसका नाम, उम्र और पता क्या है ? उसे कहां से कहां तक जाना है ? वो किस नंबर के और कौन से व्हीकल में बैठी है ? इसके बाद महिला का सुरक्षित सफर शुरू होगा । हरियाणा पुलिस के जवान जीपीएस से महिला के ट्रिप को मॉनिटर करेंगे। हर आधे और एक घंटे में कंट्रोल रूम से फोन कर महिला का हाल पूछा जाएगा। महिला को ले जा रहा ऑटो या कैब बीच में अगर रुकता है या फिर रूट में बदलाव होता है। तभी पुलिस महिला को फोन कर जानकारी हासिल करेगी। कुछ भी गलत होने पर सबसे पास स्थित पुलिस के इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल को भेजा जाएगा। इसके अलावा यात्री द्वारा साझा किए गए आपातकालीन नंबर पर भी संपर्क किया जाएगा। महिला का सफर सुरक्षित पूरा होने के बाद भी पुलिस फोन कर जानकारी लेगी।
‘अरे दीवानो मुझे पहचानो’
‘देसा मा देस हरियाणा, ‘जित दूध-दही का खाना’, की कहावत के साथ खेलों और देश सेवा में आगे रहने वाले हरियाणा के युवा वर्ग ने अपना जलवा बरकरार रखा है। इस बार क्रिकेट जगत में हरियाणा के लाल अंशुल ने कीर्तिमान रचा है। करनाल जिले के इंद्री ब्लॉक से संबंध रखने वाले अंशुल ने रणजीत ट्राफी की पहली पारी में 10 विकेट लेकर सबको हैरानी में डाल दिया। अब बेहतर प्रदर्शन की बदौलत अंशुल का भारतीय टीम में चयन होना तय है। अशुल एक पारी में 10 विकेट हासिल करने वाला हरियाणा का पहला खिलाड़ी बना है। इससे पहले हरियाणा के किसी भी खिलाड़ी ने किसी टूर्नामेंट के एक मैच में इतने विकेट नहीं लिए है। इमर्जिंग एशिया कप में अंशुल ने तीन मैचों में 10 की इकोनॉमी रेट से गेंदबाजी की और चार विकेट भी लिए। वहीं इस साल खेले दलीप ट्रॉफी में भी कंबोज ने शानदार प्रदर्शन किया था, वह टॉप विकेट टेकर रहे। उन्होंने इंडिया-सी की ओर खेलते हुए तीन मैचों में 3.19 की इकोनॉमी से गेंदबाजी की और 16 विकेट लिए। टूर्नामेंट में अपने दूसरे मैच में उन्होंने आठ विकेट लिए। इस तरह वह दलीप ट्रॉफी के एक मैच में 10 विकेट लेने वाले तीसरे तेज गेंदबाज बन गए है।