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जालंधर पुलिस ने किया अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट का भंडाफोड़

जालंधर 15 नवम्बर 2024 : पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा के नेतृत्व में जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने 14 क्विंटल (1400 किलोग्राम) पोस्त और दो वाहनों के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार करके एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया है।

इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर ने कहा कि एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस पार्टी ने अड्डा थाबाल्के के पास नाकाबंदी की, जहां उन्होंने एक बोलेरो नंबर PB09-Q-4590 को जमशेर-जंडियाला रोड की ओर तेजी से और एक ओर  गाड़ी इनोवा नंबर PB08-DS-3994 आते देखा। उन्होंने बताया कि जब बोलेरो को रुकने का इशारा किया गया तो ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मार दी, जिससे इनोवा बोलेरो से टकरा गई। स्वपन शर्मा ने बताया कि जांच के दौरान बोलेरो गाड़ी में सवार व्यक्तियों ने अपनी पहचान गुरअवतार सिंह उर्फ ​​तारी पुत्र प्यारा सिंह निवासी गांव भोडे, तहसील फिल्लौर, जालंधर और देस राज पुत्र नछत्तर सिंह निवासी गांव धर्म सिंह के रूप में बताई।

वहीं, पुलिस कमिश्नर ने बताया कि इनोवा कार के ड्राइवर ने अपनी पहचान दलेर सिंह उर्फ ​​दलोरा पुत्र सुरजीत सिंह निवासी गांव धर्म सिंह की छन्ना नजदीक मेहतपुर जालंधर के रूप में बताई है। उन्होंने बताया कि जब वाहनों की जांच की गयी तो बोलेरो में लदे प्लास्टिक बैग की गिनती की गयी, जिसमें कुल 55 बैग में 20 किलो भुक्की बरामद हुई। स्वपन शर्मा ने बताया कि इसके अलावा इनोवा कार से 15 बोरी पोस्त बरामद हुई, जिसमें से 14 क्विंटल (1400 किलोग्राम) भुक्की बरामद हुई।

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि थाना सदर जालंधर में मुकदमा नंबर 226 दिनांक 15.11.2024 धारा 15/61/85 एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किया गया और आरोपी गुरअवतार सिंह उर्फ ​​तारी, देस राज और दलेर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। 

वहीं अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट में मिली कामयाबी के बारे पंजाब डी.जी.पी. गौरव यादव का ट्वीट सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया और 1400 किलोग्राम पोस्त की भूसी बरामद की तथा ड्रग्स के परिवहन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दो वाहनों के साथ 3 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करों से जुड़े हुए थे। आगे की जांच जारी है ताकि बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज का पता लगाया जा सके।

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