लुधियाना (रिंकू): पंजाब के 4 विधानसभा हलकों डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा व बरनाला में 13 नवंबर को होने जा रहे उप-चुनाव के लिए बनाई गई रणनीति और योजना कमेटी में प्रताप बाजवा, राजा वड़िंग, सुखजिन्दर सिंह रंधावा, चरणजीत चन्नी व विजय इंद्र सिंगला सहित 2 अन्य नेताओं को ही जिम्मेदारी दी गई। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी देवेन्द्र यादव द्वारा इन चुनावों के लिए बनाई कमेटी में प्रदेश के कई सीनियर नेताओं को नजरअंदाज किया गया है।
इस कमेटी के चयन के बाद कांग्रेस में नई चर्चा छिड़ चुकी है कि आखिर लीडरशिप द्वारा वड़िंग, बाजवा व रंधावा के अलावा अन्य वरिष्ठ नेताओं की तरफ ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा। इन तीन नेताओं के इर्द-गिर्द ही पंजाब की सियासत घूमती नजर आ रही है, जबकि इन हलकों के आसपास अपना प्रभाव रखते पूर्व कांग्रेसी मंत्रियों व वरिष्ठ नेताओं को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। उपचुनावों को लेकर नई बनाई गई इस कमेटी के गठन के बाद कांग्रेस के कई नेता दबी जुबान में चर्चा करते नजर आ रहे हैं कि हाईकमान को पंजाब में पूर्व प्रदेश प्रधान शमशेर सिंह दूलों, ओ.पी. सोनी, सुंदर शाम अरोड़ा, राज कुमार वेरका, बलबीर सिद्धू व अन्य वरिष्ठ नेताओं को कमेटी में शामिल कर सेवाएं क्यों नहीं ली जा रही।
