अमृतसर: शातिर हैकर्स अब लोगों की भावनाओं से खेल रहे हैं और लोगों को लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं। ऐसे मामले सामने आ रहे है कि लोग साइबर क्राइम से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। दूसरी ओर पुलिस ने अब इन हैकर्स पर नकेल कसने के लिए एक विशेष योजना तैयार की है, जिसके तहत पुलिस ने साइबर सेल विभाग में अनुभवी पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति की है, जबकि नए कंप्यूटर विज्ञान से संबंधित विशेषज्ञों को भी विभाग में तैनात किया है, जो इन हैकर्स पर पैनी नजर रखेंगे। इसके साथ ही वे इन लोगों के साथ होने वाली धोखाधड़ी की रकम को भी फ्रीज कर देंगे ताकि रकम एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर न हो सके।
गौरतलब है कि सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए सभी विभागों के काम-काज को ऑनलाइन करने का प्रयास किया है और इसमें बैंक आदि भी शामिल हैं परंतु शातिर हैकर्स ने इस सुविधा को अपनी ठगी का साधन बना कर लोगों की नाक में दम कर रखा है। हैरान करने वाला पहलू यह है कि इस तरह की ठगी के मामले कई पुलिस अधिकारियों के साथ भी हो चुके हैं और वे भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
हैकर्स ने इमोशनल ब्लैकमेल कर ठगी करने का ढूंढा नया तरीका
अब हैकर्स ने इमोशनल ब्लैकमेल कर ठगी करने का नया तरीका ढूंढ लिया है। इस संबंध में लवप्रीत सिंह का कहना है कि उनका इंस्टाग्राम हैकर्स ने हैक कर लिया और हैकर्स ने फिर उनके कुछ परिचितों को फोन कर डराना शुरू कर दिया कि किसी कारण से उनके परिवार में कनाडा में रहने वाले बड़े भाई प्रदीप का एक्सीडेंट हो गया है और उसकी हालत गंभीर है, जिसके लिए 1 लाख की जरूरत है। उसके इलाज के लिए तुरंत मैं आपको एक नंबर भेज रहा हूं, उस पर जल्द ही 1 लाख रुपए भेज दीजिए अन्यथा उसके साथ कोई अप्रिय घटना घट सकती है। इस उपरांत जब उसने अपने कनाडा में रहते भाई को फोन किया तो उसने बताया कि ऐसी कोई भी घटना उसके साथ नहीं घटी है जिससे उसे राहत की सांस मिली और वह ठगी का शिकार होने से बच गया।
गौरतलब है कि ऐसे और भी कई मामले इमोशनल ब्लैकमेल करने के सामने आ रहे है। हैकर्स लोगों से इमोशनल गेम खेलकर डरा-धमका कर पैसे की मांग करते है और जब व्यक्ति डर कर तुरंत पैसे भेज देते है तो वह ठगी का शिकार बन जाता है। ऐसे कई अन्य मामले है जिस पर साइबर क्राइम की पुलिस काम तो कर रही है लेकिन इस पर पूरी तरह से शिकंजा नहीं कस पा रही।
सिस्टम को हैकर्स ने बनाया ठगी का साधन
मोबाइल फोन के जरिए एक खाते से दूसरे खाते में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा के लिए सरकार की ओर से कई ऐपस बनाए गए हैं, लेकिन इस सिस्टम को कुछ हैकर्स ने ठगी का जरिया बना लिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल फोन पर गूगल पे, फोन पे, पेटीएम और कई अन्य ऑनलाइन ऐप लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए थे, लेकिन अब ये ऐप हैकर्स ने ठगी का साधन बना लिया है जिससे वे कहीं से भी पूरी रकम खाते से निकाल लेते है।
आज के समय में लोगों को भी होना पड़ेगा जागरूक
अब लोगों को भी ऐसे मामलों को लेकर जागरूक होना होगा, नहीं तो वे बड़ी ठगी का शिकार हो सकते हैं। अगर किसी को किसी अज्ञात व्यक्ति का फोन आता है तो उसे फोन को ध्यान से सुनना चाहिए और किसी से कोई भी ओ.टी.पी. सांझा नहीं करना चाहिए और किसी अन्य बैंक या क्रेडिट कार्ड से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी के साथ सांझा न करें और नहीं तो अगर वह यह जानकारी हैकर के साथ सांझा करते है तो वह किसी भी समय ऑनलाइन ठगी का शिकार हो सकते हैं।
पुलिस ने विशेषज्ञ अधिकारियों की बनाई हाईटैक टीम
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि उन्होंने इस काम के लिए विशेष रूप से शिक्षित और विशेषज्ञ अधिकारियों की एक हाईटैक टीम बनाई है। नई टीम काफी सक्रिय है और ऑनलाइन धोखाधड़ी के कई मामले सुलझा रही है। सबसे अहम जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों संबंधी शिकायतें दर्ज करने के लिए पोर्टल बनाए गए हैं।
इनमें से एक हैल्पलाइन नंबर 1930, यू.एन.सी. आर.बी. पोर्टल और दूसरा पोर्टल पी.जी.डी., जिसे मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान द्वारा जारी किया है। इस पर शिकायत करने पर ठगी की रकम तुरंत फ्रीज कर दी जाएगी, जिससे जिस खाते में रकम जाएगी, उसका रिकॉर्ड पुलिस के पास होगा, जिससे शातिर हैंकर पुलिस की गिरफ्त में आ जाएगा। कमिश्नर भुल्लर ने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि सबसे बड़ी बात लोगों को जागरूक करना है, क्योंकि इसके बिना ऐसे मामलों पर नकेल कसना मुश्किल होगा।
