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मौसम के परिवर्तन से बढ़ रही बीमारियों की संख्या: लक्षण और सुरक्षा उपाय जानें

28 अक्टूबर 2024 (चंडीगढ़): मौसम में बदलाव का डेंगू मामलों पर बड़ा असर पड़ रहा है। सितंबर तक शहर में डेंगू के 25 मामले थे, जो अब बढ़कर 153 हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मानसून के बाद सितंबर, अक्टूबर, और नवंबर में डेंगू का खतरा अधिक होता है, और अक्टूबर पीक सीजन होता है। लोगों की सुरक्षा के लिए डेंगू के संबंध में गाइडलाइंस जारी की गई हैं। डॉक्टरों का कहना है कि दिन में मौसम गर्म है, जबकि रातें ठंडी हो गई हैं। दिन के तापमान में कमी के साथ डेंगू के मामले भी घटने लगेंगे। बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने फील्ड एक्टिविटी बढ़ा दी है। सितंबर 2023 में 88 मामले थे, और अब स्थिति को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। बदलते मौसम के साथ बुखार, खांसी, और जुकाम के कई मामले ओ.पी.डी. में भी सामने आ रहे हैं। हर दिन 20 से 30 मरीजों के सैंपल लिए जा रहे हैं, जिसमें डेंगू और मलेरिया की जांच भी की जा रही है।

डेंगू से बचने के उपाय: घर के अंदर या बाहर, कूलर और अन्य बर्तनों में पानी इकट्ठा न होने दें। ऑडोमोस जैसी दवाओं का उपयोग करें।

जांच के लिए स्थान: जी.एम.एस.एच.-16, जी.एम.सी.एच.-32, और पी.जी.आई. में डेंगू एन.एस.1/आई.जी.एम. एलिसा के लिए निःशुल्क परीक्षण की सुविधाएं उपलब्ध हैं। ए.ए.एम. (आयुष्मान आरोग्य मंदिर), सिविल अस्पताल और जी.एम.एस.एच.-16 में सभी मलेरिया यूनिट में मलेरिया परजीवियों के लिए निःशुल्क परीक्षण किया जा रहा है। फॉगिंग और अन्य संबंधित शिकायतों के लिए डेंगू हेल्पलाइन नंबर (7626002036) उपलब्ध है।

लक्षणों की अनदेखी न करें: अगर किसी व्यक्ति को एक हफ्ते से अधिक समय तक बुखार है और हड्डियों या जोड़ों में दर्द हो रहा है, तो तुरंत जांच करवाएं। नाक और दांतों से खून आना भी डेंगू का संकेत हो सकता है। उल्टी में खून, तेज सांस लेने, और रक्त प्लेटलेट्स का कम होना भी डेंगू के लक्षण हो सकते हैं।

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