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दूध से बनी मिठाइयां सेहत के लिए खतरनाक, खरीदने से पहले गुणवत्ता की जांच करें

28 अक्टूबर 2024 (यमुनानगर): त्यौहारों के इस मौसम में सावधान रहें, कहीं आप दूध के उत्पादों के नाम पर हानिकारक चीजें तो नहीं खा रहे। यह चेतावनी जिले के फूड सेफ्टी ऑफिसर द्वारा दी गई है, जिन्होंने बताया कि त्यौहारों के दौरान दूध से बने उत्पाद मिलावटी हो सकते हैं या अगर सही भी हैं, तो जल्दी खराब हो जाते हैं।

दूसरे विशेषज्ञ भी दूध से बने खाद्य पदार्थों से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। अगर आप दूध से बनी कोई चीज खा रहे हैं या त्यौहार पर उपहार के रूप में किसी को दे रहे हैं, तो उसकी गुणवत्ता की जांच अवश्य करें। हाल ही में दुग्ध उत्पादों की मांग बढ़ने के कारण अधिकांश उत्पाद नकली दूध से बनाए जा रहे हैं, चाहे वह खोया हो या पनीर। दूध की गुणवत्ता पर सवाल उठने के साथ, त्यौहारों के इस मौसम में इतनी बड़ी मात्रा में दूध कहां से आ रहा है, यह एक बड़ा प्रश्न है।

नकली दूध का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। कुछ लोग दूध बनाने के लिए पाउडर का उपयोग कर रहे हैं, जो 300 रुपए के एक पैकेट से लगभग 10 लीटर दूध तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा, कुछ व्यापारी रसायनों और अन्य साधनों से दूध तैयार कर रहे हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। खासकर त्यौहारों के दिनों में ऐसे उत्पादों की बिक्री में वृद्धि होती है।

फूड सेफ्टी ऑफिसर डॉ. अमित कुमार ने बताया कि उन्होंने हाल ही में यमुनानगर में कार्यभार संभाला है और विभिन्न प्रतिष्ठानों पर छापामार कार्रवाई की है ताकि मिठाइयों की गुणवत्ता की जांच की जा सके। उन्हें दूध और दूध से बने उत्पादों के संबंध में सबसे अधिक शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने 3 दर्जन से अधिक प्रतिष्ठानों से मिठाई के नमूने लिए हैं ताकि उनकी जांच की जा सके।

अधिकारी की टीम अलर्ट मोड पर है। हाल ही में, उनकी टीम ने लगभग 35 मिठाई की दुकानों पर छापे मारे और नमूने एकत्र किए, जिन्हें चंडीगढ़ की फूड सेफ्टी लैब में भेजा गया। यह कार्रवाई उन जगहों पर की गई जहां थोक में मिठाई और दूध के उत्पाद तैयार हो रहे थे।

अधिकारी ने बताया कि बड़ी दुकानों से छोटी दुकानों पर माल सप्लाई होता है, इसलिए बड़े प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई करने से अन्य दुकानों पर भी प्रभाव पड़ता है। नमूनों की रिपोर्ट लगभग 15 दिन में आएगी, और यदि मिठाइयों में मिलावट पाई जाती है, तो फूड सेफ्टी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी मिठाई में ऐसे रसायन पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं, तो दुकानदार को 6 महीने की सजा और 10 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। कोर्ट में चल रहे मामलों के आधार पर ही सजा का प्रावधान होगा। छोटी कमियों पर भी दुकानदार पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

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