25 अक्टूबर 2024 (कैथल ) – जिले में किसानों को सरकारी तंत्र की सुस्ती का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। गेहूं के बीज का पर्याप्त भंडारण होने के बावजूद किसान इसे खरीद नहीं पा रहे हैं, क्योंकि सरकार ने अब तक बीज का रेट तय नहीं किया है। इस बीच, गेहूं की बुवाई का समय तेजी से बीतता जा रहा है, जिससे किसानों को समय पर बीज की उपलब्धता न होने का डर सताने लगा है।
समय पर बुवाई नहीं हुई तो उत्पादन पर असर पड़ेगा: किसान
कैथल के किसान बलविंदर सिंह ने बताया कि उनकी जमीन बुवाई के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन यदि समय पर बीज नहीं मिला तो पैदावार घट सकती है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही बीज उपलब्ध न हुआ तो किसान महंगे दामों पर प्राइवेट दुकानों से खरीदारी करने को मजबूर होंगे, जिससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
बीज न मिला तो खेत रह जाएंगे खाली: बलवान सिंह
बालू गांव के किसान बलवान सिंह ने बताया कि सरकारी गोदाम में पर्याप्त बीज मौजूद है, लेकिन रेट तय न होने के कारण उन्हें बीज नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा कि आधे से ज्यादा किसान बुवाई शुरू कर चुके हैं, और यदि जल्द ही बीज उपलब्ध न हुआ तो खेत खाली रह जाएंगे। इससे न केवल किसानों को नुकसान होगा, बल्कि बाद में बचा हुआ बीज भी सरकार के काम नहीं आएगा।
रेट तय न होने से बिक्री रुकी: बीज केंद्र के सेल्समेन
सरकारी बीज केंद्र के सेल्समेन मोहित कौशिक ने बताया कि 6 अक्टूबर से गोदाम में बीज उपलब्ध है, लेकिन रेट तय न होने के कारण किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। अधिकारियों से बार-बार संपर्क करने पर केवल यही जवाब मिलता है कि रेट जल्द घोषित किया जाएगा।
मोहित ने बताया कि केंद्र पर 1,500 क्विंटल बीज की स्टेकिंग हो चुकी है, लेकिन रेट तय न होने से बिक्री रुकी हुई है। आमतौर पर यहां हर साल 5,000 क्विंटल से ज्यादा बीज की बिक्री होती है, लेकिन इस साल समय पर बिक्री न होने से दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। जिले में ऐसे चार सरकारी बिक्री केंद्र हैं, जहां किसानों की समस्या जस की तस बनी हुई है।
किसानों की मांग: जल्द तय हो बीज का रेट
आज बीज लेने पहुंचे किसान जरनैल सिंह, पाला राम, सुरजभान, नरेश कुमार, गुरमुख सिंह और विजय ने बताया कि बुवाई का समय सिर पर है और उन्हें तुरंत बीज की जरूरत है। कैथल रोड स्थित सरकारी बीज केंद्र पिछले कई दिनों से बंद पड़ा है, जिससे किसानों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। किसानों ने सरकार से जल्द रेट तय करने की मांग की ताकि वे समय पर बुवाई कर सकें और फसल उत्पादन पर असर न पड़े।