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हरियाणा में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री से लोगों की जिंदगी हो रही प्रभावित; स्वास्थ्य पर पड़ रहा गंभीर असर

24 अक्टूबर 2024 :हरियाणा में दूध और दही के लिए प्रसिद्ध क्षेत्र में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है, जो स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रही है। खाद्य एवं औषधि विभाग के आंकड़े इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि पिछले एक वर्ष में लिए गए कुल सैंपल में से 25 प्रतिशत असुरक्षित पाए गए हैं, यानी ये खाद्य पदार्थ खाने के योग्य नहीं हैं। इसमें दूध, पनीर, मिठाई, मसाले और अन्य खाद्य सामग्री शामिल हैं।

आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक विभाग ने 2,682 विभिन्न खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए, जिनमें से 676 फेल हुए। यह भी दर्शाता है कि प्रदेश में प्रतिदिन केवल सात और महीने में केवल 210 सैंपल ही लिए जा रहे हैं। इसका अर्थ यह है कि खाद्य पदार्थों की जांच के लिए विभाग की क्षमता सीमित है, जिससे मिलावटी और नकली खाद्य पदार्थों की बिक्री हो रही है।

इस स्थिति का मुख्य कारण खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में स्टाफ और निगरानी अधिकारियों की कमी है। वर्तमान में प्रदेश के 22 जिलों में से केवल सात जिलों में जिला खाद्य अधिकारी नियुक्त हैं, और प्रत्येक अधिकारी के पास दो से तीन जिलों का चार्ज है। वहीं, फूड सेफ्टी ऑफिसर (एफएसओ) की संख्या भी केवल 10 है, जो कई जिलों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के 45 स्वीकृत पदों में से 43 लंबे समय से रिक्त हैं, और स्थायी तौर पर केवल दो अधिकारी कार्यरत हैं। शेष अधिकारियों को विभिन्न विभागों से डेप्यूटेशन पर लाया गया है, जिसके आधार पर विभाग का काम चल रहा है।

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