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राजस्थान में खोये की आमद पर नियंत्रण नहीं, हलवाइयों की जांच से स्वास्थ्य विभाग बेखबर

No control over influx of khoya in Rajasthan, health department unaware of checking halwais'

लुधियाना  23 अक्टूबर 2024  : राजस्थान के अलावा कई राज्यों से पंजाब में खोये की आमद आ रही है परंतु दूसरी और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिले में हलवाइयों की जांच शुरू नहीं की इसका कारण हलवाई संगठन इस बार स्वास्थ्य अधिकारियों की शरण में जाने की बजाय एक नेता जी की शरण में पहुंच गए बताए जाते हैं। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा न सिर्फ खाने-पीने की वस्तुओं की जांच की जाती है बल्कि उसके सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला में भी भेजा जाता है इसके अलावा दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारी निर्धारित मापदंडों का पालन कर रहे हैं नहीं यह भी देखा जा रहा और ना ही कर्मचारियों के मेडिकल की जांच की जा रही है  परंतु पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य विभाग में यह परंपरा भी छोड़ दी है लोगों का कहना है कि खाने पीने की वस्तुओं का काम करने वाले दुकानदारों हलवाइयों करियाना विक्रेताओं के यहां काम करने वाले कर्मचारियों के मेडिकल आवश्यक किए जाने चाहिए क्योंकि अगर किसी को संक्रामक रोग है जैसे टीबी, स्वाइन फ्लू या अन्य सीजनल संक्रामक रोग हो तो उनसे लोगों को भी खतरा हो सकता है संक्रामक रोगों के फैलने की संभावनाओं को देखते हुए कर्मचारियों के सिर पर टोपी और हाथों में दस्ताने अनिवार्य किए गए यही प्रावधान रेहडी फड़ी लगाने वालों पर भी लागू किया गया परंतु अब इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा।

प्रधान जी कराएंगे बेड़ा पार

शहर में खाने पीने की वस्तुओं को लेकर लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है कौन सी वस्तु मापदंडों के अनुरूप है और कौन सी मिलावटी लोग इस बात का फैसला नहीं कर पा रहे क्योंकि स्वास्थ्य विभाग और हलवाइयों के प्रधान का तालमेल इस कदर है कि स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक योजना के अनुरूप सैंपलिंग का कार्य शुरू नहीं किया जबकि यह त्योहार के पूर्व हो जाना चाहिए और इसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक की जानी चाहिए परंतु सैंपल ऐसे समय में लिए जाते हैं जब त्यौहार निकट हो और रिपोर्ट त्योहारों के बाद आए ताकि इसी बीच मिलावटी, नकली,  घटिया स्तर का सामान सब बिक जाए एक फूड बिजनेस ऑपरेटर ने कहा कि अगर उन पर कोई संकट आता है तो वह हलवाइयों के प्रधान के पास जाएंगे क्योंकि प्रधान जी ही उनका बेड़ा पार करायेगे उल्लेखनीय है कि हलवाई एसोसिएशन पंजाब के कथित प्रधान नरेंद्र पाल सिंह जिला स्तरीय एडवाइजरी कमेटी के सदस्य हैं जो सैंपल लिए जाने के वक्त या सैंपल फेल होने के समय पुरजोर हलवाइयों की पेरवी  करते हैं और कमेटी में एक वकील की तरह है जबकि नियमों के अनुसार किसी संगठन के प्रधान को कमेटी में रखने की बजाय फूड बिजनेस ऑपरेटर को रखा जाना चाहिए अथवा किसी समाज सेवक को जो जन सेहत के बारे में सकारात्मक विचार रखें

सैंपलिंग की नहीं देते जानकारी

स्वास्थ्य विभाग के फूड विंग के अधिकारी फूड बिजनेस ऑपरेटरो से बेहतर तालमेल के चलते मजबूरी में उनकी अगर सैंपलिंग करते हैं तो इसकी जानकारी मीडिया को नहीं देते। यहां तक कि सैंपल फेल होने के समय भी भी खाने पीने की वस्तुओं का निर्माण और बिक्री करने वालों के नाम उजागर नहीं किए जाते। लोगों का मानना है कि यह दोनों पक्षों में मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग का हिस्सा है और दोनों ही पक्ष मिलावटी और घटिया वस्तुओं के खाने से लोगों की सेहत को किसी प्रकार नुकसान होता है, तो दोनों ही पक्ष उसके जिम्मेवार माने जाने चाहिए।

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