19 सितंबर 2024 : जालंधर ग्रामीण पुलिस द्वारा पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई हैं। जानकारी के अनुसार जालंधर ग्रामीण पुलिस ने विभिन्न थानों के पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई लापरवाही और खास तौर पर चौकी के अधिकार क्षेत्र में बार-बार जनतक शिकायतों के बाद की गई है। निलंबित किए गए कर्मचारी विभिन्न पुलिस स्टेशनों में तैनात थे। जिन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है उनमें ए.एस.आई. अवतार सिंह, कांस्टेबल बिक्रमजीत सिंह, सीनियर कांस्टेबल भूपिंदर सिंह, कांस्टेबल आर्यनप्रीत सिंह और ए.एस.आई./एल.आर. जसविंदर सिंह शामिल है।
अधिक जानकारी देते हुए सीनियर पुलिस कप्तान (एस.एस.पी.) हरकमल प्रीत सिंह खख ने कहा कि विभाग ने इन कर्मचारियों के खिलाफ अपनी ड्यूटी निभाने में असफल रहने के लिए सख्त कार्रवाई की है। इस कारण कई जनतक शिकायतें आई और लोगों में बेचैनी पैदा हुई है। पुलिस द्वारा लापरवाही बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अलावलपुर चौकी प्रभारी ए.एस.आई. राजिंदर कुमार एन.डी.पी.एस. एक्ट से जुड़े एक संवेदनशील मामले की जांच के घेरे में आए थे। लोगों द्वारा समय पर कार्रवाई न करने के लिए उसके खिलाफ बार-बार शिकायतें दर्ज करवाई गई थी। कर्मचारी ने जांच के दौरान उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जिस कारण न्याय दिलवाने में काफी देरी हुई थी। लंबित मामलों पर उनके ध्यान की कमी और खराब केस प्रबंधन ने क्षेत्र में बढ़ती निराशा में योगदान दिया है जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
लोहियां थाने में तैनात ए.एस.आई. अवतार सिंह को गांव पिपली में एक जमीनी विवाद को ठीक से हल न करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया, जिस कारण अमन कानून की स्थिति पैदा हो सकती थी। उसने हत्या की कोशिश के केस को भी गलत तरीके से संभाला और वह डी.एस.पी. शाहकोट की जांच में दोषी पाया गया। संभावित खतरे से अवगत होने के बावजूद, उन्होंने मामले को वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में नहीं लाया और न ही कोई रोकथाम कार्रवाई की थी।
थाना भोगपुर में तैनात ए.एस.आई. जसविंदर सिंह को एक झगड़े के मामले को गलत तरीके से संभालने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है जो कि बड़े टकराव में तबदील हो सकता था। कर्मचारी ने विपक्ष पर अनुचित दबाव डाला, जिस कारण और उलझने पैदा हो गई। डी.एस.पी. आदमपुर की जांच में उसे मामले में गड़बड़ करने के लिए आरोपी पाया गया है।
कांस्टेबल बिक्रमजीत सिंह, वरिष्ठ कांस्टेबल भूपिंदर सिंह और कांस्टेबल आर्यनप्रीत सिंह को लंबे समय तक बार-बार अनधिकृत अनुपस्थिति के लिए निलंबित कर दिया गया है। कांस्टेबल आर्यनप्रीत सिंह की गैंगस्टरों और आपराधिक तत्वों के साथ मिलीभगत भी सामने आई है।
एस.एस.पी. खख ने विभाग की प्रतिबद्धता दोहराई कि ऐसी लापरवाही दोबारा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ड्यूटी में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वह कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, और यदि कोई कर्मचारी अपने कर्तव्य में लापरवाही करता हुआ पाया गया, तो उसे सख्त परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है और फोर्स की अखंडता बनाए रखने के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी।