लुधियाना 18 सितम्बर 2024 : पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सभी जिला प्रबंधकों और क्षेत्रीय कार्यालयों को वर्ष 2025-26 के लिए नई और संशोधित पाठ्यपुस्तकों की मांग मुख्य कार्यालय को समय पर भेजने का निर्देश दिया है। पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि यह सूचना एक्सेल शीट के अनुसार 20 सितंबर तक मांग मुख्य कार्यालय को भेजी जानी है। इसके साथ ही बोर्ड ने नई लागू की जा रही और संशोधित पाठ्यपुस्तकों की सूची भी भेजी है, जिससे क्षेत्रीय कार्यालय समय रहते अपनी मांग को सही तरीके से दर्ज कर सकें। पत्र में स्पष्ट रूप से यह निर्देश दिया गया है कि यदि किसी पुस्तक या पुस्तकों की स्थिति बिक्री या वितरण के योग्य नहीं है तो उन्हें स्टॉक में दर्ज न किया जाए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी पाठ्यपुस्तकें उच्च गुणवत्ता की हों और छात्रों तक समय पर पहुंचाई जा सकें।
बता दें कि बोर्ड की ओर से नए सैशन में पहली, दूसरी, तीसरी, 6वीं, 10वीं, 11वीं एवं 12वीं के विभिन्न विषयों की किताबों में बदलाव किया जा रहा है। पी.एस.ई.बी. द्वारा भेजी गई सूची में कुल 29 किताबें बदली जा रही हैं जिसमें गणित, पंजाबी, इंगलिश, कम्प्यूटर साइंंस, सोशल साइंस, सिविक्स, कम्प्यूटर साइंस, अकाऊंटैंसी, बिजनैस स्टडीज, इकोनाॅमिक्स, पॉलिटिकल साइंस, फंडामैंटल आफ ई बिजनेस, फंक्शनल इंगलिश, टैक्नोलॉजी इन एवरीडे लाईफ आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।
पुस्तकों की मांग और स्टॉक प्रबंधन पर विशेष ध्यान
पत्र में यह भी कहा गया है कि अक्सर देखा गया है कि नई लागू की जा रही पुस्तकों की मांग पहले से प्रिंट की गई पुस्तकों की तुलना में अधिक होती है। इसको ध्यान में रखते हुए, 2025-26 के लिए भेजी जा रही एक्सल शीट में इन पुस्तकों की मांग को सही तरीके से दर्ज करना अनिवार्य होगा। साथ ही क्षेत्रीय कार्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके स्टॉक में जितनी किताबें उपलब्ध हैं, उनकी सही संख्या का ध्यान रखते हुए ही मांग की जाए। यदि किसी क्षेत्रीय कार्यालय के पास अधिक स्टॉक होगा, तो उनकी पुस्तकों को अन्य कार्यालयों या जरूरतमंद ब्लॉकों में स्थानांतरित किया जा सकता है।
पाठ्यक्रम में बदलाव
बोर्ड द्वारा जारी एक्सेल शीट के क्रमांक 345 से 347 में दर्ज ‘मॉडर्न ऑफिस प्रैक्टिस-12’ की जगह अब ‘फंडामेंटल ऑफ ई-बिजनैस-12’ को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसके संबंध में पहले ही व्हाट्सएप ग्रुप पर सूचित किया जा चुका है। सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को यह निर्देश दिया गया है कि इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए अपनी मांग और प्रोफार्मा में आवश्यक संशोधन कर लें। इसके अलावा जिला स्तर पर बुक को-ऑर्डिनेटर्स, बी.पी.ई.ओ. और संबंधित अधिकारी, जो पुस्तकों की मांग और वितरण के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें भी इस संबंध में सूचित किया जाए।