चंडीगढ़ 17 सितम्बर 2024 : शिक्षा का समुचित विकास हो। लोगों में सरकारी शिक्षा पर विश्वास बहाल हो इसके लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य में 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस खोल दिए है। आज स्कूल आफ एमिनेंस प्राइवेट स्कूलों को न सिर्फ टक्कर दे रहे हैं बल्कि प्राइवेट स्कूल छोड़ कर बच्चे सरकारी स्कूलों में एडमीशन ले रहे हैं। चालू वित्तीय वर्ष में 10 हजार विद्यार्थियों ने प्राइवेट स्कूल छोड़ कर सरकारी स्कूलों में एडमीशन लिया। जबकि 2 लाख विद्यार्थी स्कूल आफ एमिनेंस के लिए इनरोल हुए। स्कूल आफ एमिनेंस ने शिक्षा क्रांति ने पंजाब में एक और मील का पत्थर हासिल किया है।
स्कूल आफ एमिनेंस में पहली बार 82,000 बच्चे इनरोल हुए थे। जोकि अब बढ़ कर 2 लाख से अधिक हो गए हैं। वहीं, स्कूल आफ एमिनेंस पंजाब के सभी 23 जिलों में खुल चुके हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार इन स्कूलों का निर्माण करके विद्यार्थियों को जीवन में ऊंची मंजिलें हासिल करने के सपनों को उड़ान दे रही है। खास करके गरीब और पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों की मानक शिक्षा तक पहुंच यकीनी बना रही है।
प्राइवेट स्कूल छोड़कर स्कूल ऑफ एमिनेंस में छात्र ले रहे एडमीशन
स्कूलों में मिल रही सुविधाओं के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब इन स्कूलों के विद्यार्थी हर क्षेत्र में सफलताएं हासिल करके राज्य का नाम रोशन करेंगे। स्कूल आफ एमिनेंस में खेल मैदान, लॉन टेनिस, स्विमिंग पूल, लेबोरेटरी और अन्य सुविधाएं हैं। यह सुविधाएं शायद ही किसी प्राइवेट स्कूल के पास हो। यही कारण है कि अब विद्यार्थी प्राइवेट स्कूल छोड़ कर स्कूल ऑफ एमिनेंस में एडमीशन ले रहे हैं।
सभी जिलों में बने स्कूल
पंजाब के 23 जिलों में 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस स्कूल खोले जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले के आकार व विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर स्कूल खोले गए हैं। ताकि गरीब वर्ग के लोगों के पास भी अच्छी शिक्षा पहुंच सके। स्कूल आफ एमिनेंस के पांच स्तंभ हैं, जैसे बुनियादी ढांचा, अकादमिक, मानवीय संसाधन प्रबंधन, खेल और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियां।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों में उच्च शिक्षा, रोजगार और प्रशिक्षण के जरिए व्यक्तिगत योग्यता और हुनर को निखारा जा सके। क्योंकि सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को भी ‘लेवल फील्ड’ मुहैया करवाया जाए। ताकि अच्छी शिक्षा के साथ-साथ उनकी योग्ता में भी निखार आए। क्योंकि विद्यार्थियों में अगर आत्म विश्वास होगा तभी तो वह आगे बढ़ कर राज्य और राष्ट्र में अपना बहमूल्य योगदान डाल कर अपना भविष्य भी अच्छा कर सकेंगे।