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Jalandhar: 250 साल पुराने पेड़ को बचाने के लिए किसान का आंदोलन

जालंधर 02 सितम्बर 2024 : नकोदर के सहम गांव में एक बहुत ही पुराना बरगद का पेड़ हैं जोकि 250 साल पुराना हैं। इस बाबा बोहड़ के नाम से भी जाना जाता है। एनएचएआई (NHAI) के प्रोजेकेट लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन के बीच ये 250 साल पुराना बरगद का पेड़ भी आ रहा है, जिसे बचाने के लिए आंदोलन शुरू हो गया है। 

इस सबसे पुराने पेड़ को बचाने के लिए 62 वर्षीय किसान आगे आया है। इस दौरन किसान बलबीर सिंह एनएचएआई से प्रोजेक्ट के लिए पेड़ को न काटने का आग्रह किया है। उन्होंने आगे कहा कि, यह पेड़ हमारे गांव की शान है। यह सैकड़ों पक्षियों का घर है। इस पेड़ की छाया में कई मवेशी और छोटे जानवर आराम करते हैं। यहां तक ​​कि हमारे गांव में काम करने वाले मजदूर भी दोपहर में इस पेड़ की विशाल छतरी के नीचे आराम करते हैं। हम इस पेड़ को कटने नहीं देंगे। एनएचएआई ने 2.5 एकड़ जमीन पहले ही अधिग्रहित कर ली है। किसान बलबीर ने एनएचएआई के अधिकारियों व ठेकेदारों को कहा है कि वह पेड़ काटने की इजाजत नहीं देंगे। यही नहीं किसान बलबीर ने कहा कि चाहे उन्हें इसके लिए जेल भी जाना पड़े, वह पेड़ को बचाने के लिए आखिरी दम तक लड़ेंगें। निवासियों ने इस मुद्दे पर राज्यसभा सदस्य और पर्यावरणविद् बलबीर एस सीचेवाल से भी अपील की है।

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