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पंजाब-हरियाणा HC ने पंजाब स्कूल बोर्ड को 12 लेक्चरर की सेवाएं 8 सप्ताह में नियमित करने का आदेश दिया

Punjab and Haryana High Court: हाई कोर्ट ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह दविंदर सिंह और विभिन्न विषयों के अन्य लेक्चरर की सेवाओं को आठ सप्ताह के भीतर नियमित करे। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 2013 में एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें विभिन्न विषयों के लेक्चरर के 13 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। 

विज्ञापन में कहा गया था कि उनके कार्य और आचरण संतोषजनक होने पर नियुक्त किए जाने वाले उम्मीदवारों की सेवाओं को तीन साल की सेवा पूरी करने पर नियमितीकरण के लिए विचार किया जाएगा। हाई कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ताओं ने विज्ञापन में उपरोक्त शर्त के मद्देनजर तीन साल तक संतोषजनक आचरण के के तहत काम किया बाद में अपनी सेवाओं को नियमित करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किए थे। याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने तर्क दिया कि हालांकि पंजाब स्कूल बोर्ड ने एक से अधिक अवसरों पर राज्य सरकार को उनके मामले की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार इस मामले को दबाए बैठी रही और बोर्ड द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी।

राज्य सरकार का रुख यह था कि याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को नियमित करने की कोई नीति नहीं होने और 2016 की नीति को निरस्त कर दिए जाने के कारण लेक्चरर के रूप में याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को नियमित करने का कोई परविधान नहीं बचा है। याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने तर्क दिया कि वे सरकार द्वारा तैयार की गई किसी नीति के संदर्भ में अपनी सेवाओं के नियमितीकरण की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे विज्ञापन में निहित परविधान और उनके नियुक्ति पत्रों में निहित परविधान के संदर्भ में अपनी सेवाओं के नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। याचिकाकर्ता के वकील एचसी अरोड़ा और सुनैना अरोड़ा ने बेंच को बताया कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति प्राधिकारी था, और बोर्ड की ओर से इस मामले को राज्य सरकार के अनुमोदन के लिए संदर्भित करना अनावश्यक था। 

वास्तव में इस तरह की कोई मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी। याचिकाकर्ताओं के वकीलों की दलील को स्वीकार करते हुए जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड, मोहाली को निर्देश दिया कि वह विज्ञापन के निहित परविधान और नियुक्ति पत्र की समान शर्त के अनुसार याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को नियमित करने के लिए आठ सप्ताह की अवधि के भीतर उनके दावे पर विचार करें। इसी के साथ हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।

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