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लड़की का बच्चे को जन्म देना पुलिस के लिए सिरदर्द, मामला हैरान कर देगा

25 अगस्त 2024 : सिविल अस्पताल गुरदासपुर में एक नाबालिग लड़की ने बच्चे को जन्म दिया। डाक्टरों के अनुसार मां और बच्चा दोनों ठीक हैं लेकिन लड़की नाबालिग है जिसके चलते मामला पुलिस के साथ-साथ बाल कल्याण समिति के भी ध्यान में है। सोमवार को पीड़ित लड़की तथा आरोपी लड़के का परिवारों के बाल कल्याण समिति सहित पुलिस के समक्ष पेश होने की सम्भावना है। इस संबंधी सोमवार को सारी स्थिति स्पष्ट होगी कि इस मामले में क्या किया जाए। 

कहा जा रहा है कि लड़की 17 तथा आरोपी लड़का 19 वर्ष का है। लड़की तथा लड़के की सगाई हो चुकी है। कानून के अनुसार देानो का विवाह करवाना भी कानून के उल्ट माना जाएगा। पीड़ित लड़की द्वारा पुलिस, सखी वन स्टाप संगठन सहित बाल कल्याण समिति को दिए ब्यान के अनुसार करीब एक साल पहले गुरदासपुर की 16 साल की लड़की और अमृतसर के 19 साल के लड़के की सगाई हुई थी जिसके बाद अब नाबालिग लड़की ने सिविल अस्पताल गुरदासपुर में एक बच्चे (बेटे) को जन्म दिया है। अस्पताल अधिकारियों ने लड़की के अविवाहित होने तथा नाबालिग होने की जानकारी मिलने पर इसकी सूचना अस्पताल में ही चल रहे सखी वन स्टॉप और दीनानगर पुलिस सहित जिलाधीश कार्यालय को दी

सखी वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी अनु गिल ने बताया कि मामला उनके ध्यान में है। दोनों पक्षों को सोमवार का दिन दिया गया है। उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा। निर्णय के अनुसार कार्रवाई की जायेगी। वही दीनानगर स्टेशन प्रभारी हरप्रीत कौर ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में आया है। लड़का पक्ष अमृतसर का रहने वाला है। दोनों पक्षों को सोमवार को पेश होने का समय दिया गया है। दोनों पक्षों से बातचीत के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

नाबालिग लड़की द्वारा बच्चे को जन्म देने के बाद पुलिस विभाग कार्रवाई करने की तैयारी में है। यदि लड़का पक्ष मानता है कि बच्चा उनका है तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। यदि लड़का पक्ष  बच्चे तथा पीड़िता को अपनाने से इंकार करता है तो बच्चे का डीएनए टेस्ट कराने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही अगर दोनों पक्षों की सहमति मानी जाती है तो भी कार्रवाई की जाएगी क्योंकि लड़की नाबालिग है और लड़का भी 21 साल से कम उम्र का है। यानी शादी के योग्य नहीं है। फिर हाल में यह मामला पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है क्योंकि समाजिक परिस्थितियां कुछ कहती है जबकि कानून उसके उल्ट है। इसलिए पुलिस बहुत सोच समझ कर मामले को सुलझाने की कोशिश में है। मामला उच्च पुलिस अधिकारियों के घ्यान में भी लाया जा चुका है।

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