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“BJP की हार के बाद समीक्षा बैठक, नेताओं ने संगठन मंत्री के सामने भड़ास निकाली”

जालंधर 31 जुलाई 2024 : लोकसभा चुनाव और जालंधर वैस्ट विधानसभा हलके में हुए उपचुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के बाद रविवार को स्थानीय डी.ए.वी. आयुर्वैदिक कॉलेज में एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री मंथरी श्रीनिवासुलू भाजपा के वरिष्ठ नेता, जिला पदाधिकारी, प्रदेश पदाधिकारी और मंडल अध्यक्ष और मंडल महामंत्री शामिल हुए। इस समीक्षा बैठक में मीडिया को आमंत्रित नहीं किया गया था।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक बैठक में हार की समीक्षा की गई। कार्यकर्ताओं को मर्यादा में रहकर बिना किसी का नाम लिए अपनी बात रखने को कहा गया। सूत्रों के मुताबिक बैठक में भाजपा नेताओं ने जमकर भड़ास निकाली। कुछ भाजपा नेताओं का कहना था कि चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में आपसी तालमेल की काफी कमी रही। इसका एक कारण यह भी रहा कि कुछ नेता अपने स्तर पर चुनाव को मैनेज करने में लगे रहे। कुछ नेताओं का कहना था कि उन्हें चुनाव में कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई। इसके अलावा दूसरी पार्टियों को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं को ज्यादा तवज्जो देने पर भी नाराजगी जताई गई। उनका कहना है कि इससे पुराने कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर रहा है। कई दशकों तक पार्टी की सेवा करने के बावजूद अब उनकी पूछताछ नहीं हो रही है। कुछ नेताओं ने कहा कि चुनाव की सारी जिम्मेदारी एक ही नेता को दे दी गई थी, जोकि सरासर गलत है। चुनाव के दौरान सामान के लिए उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ा। करोड़ों रुपए के चुनावी फंड के इस्तेमाल को लेकर भी काफी सवाल उठने की सूचना मिली है। कुछ नेताओं का कहना था कि संगठन में बदलाव करना बहुत जरूरी है।

लगातार भाजपा को मिल रही हार के बाद भी मुख्य पदों पर बैठे नेताओं को रिपीट किया जा रहा है। जिसका पार्टी को काफी नुकसान हो रहा है। संगठन मंत्री ने कार्यकर्ताओं की बातों को बड़े ध्यान से सुना और कहा कि भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है ना कि एक दुकान है। आने वाले समय में इस पर गौर किया जाएगा और इसके रिजल्ट भी आपको देखने को मिलेंगे। उल्लेखनीय है कि अगर इस प्रकार संगठन के अंदर खींचतान चलती रही तो आने वाले नगर निगम चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव को जीतना भाजपा के लिए कड़ी चुनौती साबित होगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा 18 फीसदी वोट लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन जीत से अभी कोसों दूर है। नगर निगम चुनाव में सिफारिशी टिकटें देने की बजाय जीत का दम रखने वाले कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने का मौका दिया जाना चाहिए ताकि भाजपा नगर निगम में अपना मेयर बना सके। भाजपा हाई कमान को एक मजबूत संगठन खड़ा करने की जरूरत है ताकि भाजपा पंजाब में भी अपना आधार मजबूत कर सके।

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