18 जून अमृतसर : आग उगलती प्रचंड गर्मी ने लोगों को घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया है। ए.सी. भी फेल साबित हो रहे हैं। दोपहर को हालात ऐसे हो रहे हैं कि ए.सी. भी प्रचंड गर्मी के बीच फेल ही साबित होते दिख रहे है। वहीं संबंधित विभाग द्वारा इस प्रंचड गर्मी के मद्देनजर लोगों को उनके मोबाइल फोनों पर इस प्रति मैसेज भेजकर सजग किया जा रहा है। इस मैसेज में विभाग द्वारा साफ तौर से कहा जा रहा है कि दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर के 3 बजे तक घरों से बाहर न निकलें, अगर कोई जरूरी काम हो, तो ही घर से निकलें। वहीं दसूरी ओर दिन भर चल रही हीट वेव (लू) तो जैसे आग में घी डालने का काम कर रही है। हीट वेव के कारण 47 डिग्री अधिकतम तापमान और न्यूनतम 32 डिग्री सैल्सियस होने के बावजूद लोगों को ऐसे प्रतीत हो रहा है कि जैसे तापमान 50 डिग्री से ज्यादा हो। वहीं इस प्रचंड गर्मी का बुरा प्रभाव पशुओं व पक्षियों पर भी पड़ रहा है।
सुबह से लेकर शाम तक के हालात
सुबह से लेकर शाम तक आग उगल रही गर्मी के कारण हालात काफी दयनीय व चिंताजनक बने रहे। वहीं दिन भर चल रही गर्म लू के थपेड़ों के कारण शहरवासी व बाहरी राज्यों से अमृतसर घूमने के लिए आए पर्यटक काफी आहत दिखे। पता चला है कि अधिकांश संपन्न परिवार के लोगों ने हिल स्टेशनों की ओर रुख कर लिया है और बच्चों की छुटि्टयों के बीच वे हिल स्टेशनों (पहाड़ों) पर चले गए हैं, ताकि उनको गर्मी से राहत मिल सके।
ग्लोबल वार्मिंग है मौसम की तबदीली का कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि ये सारी स्थिति ग्लोबल वार्मिंग के कारण हुई है और लोगों ने ज्यादा से ज्यादा पौधे न लगाए तो स्थिति और भयावह होगी, ये तय है। बता दें कि जिस प्रकार से मनुष्य ने जंगलों का काटकर वातावरण को जो नुक्सान पंहुचाया है, उसको ठीक करने के लिए 5 लाख करोड़ पौधे और लगाने होंगे।
डी-हाईड्रेशन व सन-स्ट्रोक के मामले बढ़े
प्रंचड गर्मी के कारण लोगों के बीच डिहाईड्रेशन व सन स्ट्रोक (लू लगने) के मामलों में बढ़ौतरी हुई है, जिससे लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। सरकारी आंकड़ों बता रहे हैं कि ऐसे मामलों में और अधिक गर्मी पड़ने से मामलों में और वृद्धि हो सकती है। हालांकि कुछ दिन पहले ही संबंधित विभाग ने इस संदर्भ में लोगों के लिए एडवाईजरी भी जारी की है, ताकि लोग एडवाइजरी के नियमों का पालन करके अपना बचाव कर सकें। इसके अलावा आग उगलती गर्मी के कारण विगत कुछ दिनों में शहर में आगजनी की घटनाओं में भी वृद्धि आंकी जा रही है।