08 नवंबर 2025 : दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार सुबह हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) सिस्टम में गंभीर तकनीकी खराबी के कारण पूरे दिन संचालन अस्त-व्यस्त रहा। यह खराबी AMSS (एरोनॉटिकल मैसेज स्विचिंग सिस्टम) में आई, जिससे उड़ानों की प्लानिंग और क्लीयरेंस जारी करने का स्वचालित सिस्टम ठप पड़ गया।
इस गड़बड़ी का असर 800 से ज्यादा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पड़ा—कई घंटे की देरी, गेट बदलने, लंबी लाइनों और उड़ानों के पुनर्निर्धारण ने यात्रियों को बेहद परेशान किया।
खामी कैसे शुरू हुई?
AMSS में तकनीकी समस्या 6 नवंबर को पहली बार नोट की गई थी। शुक्रवार सुबह यह समस्या अचानक बढ़ गई और पूरे सिस्टम को प्रभावित कर दिया। उड़ान योजना मैसेज (फ्लाइट प्लान) प्रोसेस नहीं हो रहे थे, जिससे ATC संचालन धीमा पड़ गया। कई उड़ानों को तब तक हवाई मार्ग में क्लियरेंस नहीं मिल पाई, जब तक मैन्युअल प्रक्रिया लागू नहीं की गई। एएआई (AAI) ने तुरंत अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात कर फ्लाइट प्लान मैन्युअली प्रोसेस करने शुरू किए, ताकि सुरक्षा से समझौता न हो।
800+ फ्लाइट्स लेट — दिनभर यात्रियों को भारी परेशानी
फ्लाइटराडार24 के अनुसार:
- 800+ उड़ानें देरी से
- दिल्ली से उड़ानों का औसत प्रस्थान 40–50 मिनट देरी से
- कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 2 से 3 घंटे प्रभावित
- सभी प्रमुख एयरलाइनों — इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट, अकासा, एयर इंडिया एक्सप्रेस— ने देरी की पुष्टि की
टर्मिनल-3 पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई।
यात्रियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो साझा करते हुए शिकायत की कि—
- लगातार गेट बदल रहे थे
- उड़ानों के समय पर स्पष्ट सूचना नहीं मिल रही थी
- फोन और वेबसाइट दोनों पर हेल्पलाइन व्यस्त थीं
AMSS खराबी ठीक, लेकिन पुरानी देरी का प्रभाव अभी जारी
शाम 8:56 बजे AAI ने अपडेट दिया कि: AMSS की खराबी दूर कर दी गई है, सिस्टम धीरे-धीरे ऑटोमेशन मोड में लौट रहा है लेकिन पुरानी देरी की वजह से अभी भी क्लियरेंस और प्रस्थान प्रक्रिया सामान्य नहीं हुई है इंडिगो ने भी बयान जारी किया कि संचालन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है और वे ATC अधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हैं।
