बठिंडा 14 दिसंबर 2025 : पंजाब के बठिंडा जिले में बुधवार सुबह घना कोहरा छाया रहा, लेकिन मौसम की इस चुनौती ने लोकतंत्र के पर्व में मतदाताओं के उत्साह को कम नहीं किया। कड़ाके की ठंड और दृश्यता कम होने के बावजूद मतदान केंद्रों के बाहर सुबह से ही मतदाताओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। युवा, बुजुर्ग, महिलाएं और पहली बार मतदान करने वाले मतदाता—सभी ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए समय से पहले घरों से निकलकर जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दिया।
सुबह के शुरुआती घंटों में कोहरे की चादर इतनी घनी थी कि सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए। इसके बावजूद कई मतदान केंद्रों पर सूर्योदय से पहले ही मतदाता पहुंचने लगे थे। स्थानीय प्रशासन और चुनाव आयोग की ओर से की गई व्यवस्थाओं के कारण मतदान प्रक्रिया सुचारु रूप से आगे बढ़ी। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे और कोविड-सम्बंधी सावधानियों के साथ-साथ ठंड से बचाव के लिए भी जरूरी प्रबंध नजर आए।
बुजुर्ग मतदाताओं के लिए रैंप, व्हीलचेयर और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। कई स्थानों पर स्वयंसेवकों ने मतदाताओं की सहायता की, जिससे मतदान प्रक्रिया और अधिक सहज हो सकी। महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। कई मतदान केंद्रों पर महिलाओं की कतारें पुरुषों से अधिक लंबी दिखीं, जो बढ़ती राजनीतिक जागरूकता और सहभागिता का संकेत है।
पहली बार मतदान करने वाले युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिला। कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले कई युवा सुबह-सुबह मतदान केंद्रों पर पहुंचे और सेल्फी जोन में तस्वीरें खिंचवाकर इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाया। युवाओं का कहना था कि वे बदलाव और विकास के लिए अपने मत का प्रयोग करना चाहते हैं। उनका मानना है कि मतदान ही वह माध्यम है, जिससे वे अपने भविष्य को दिशा दे सकते हैं।
स्थानीय प्रशासन ने घने कोहरे को देखते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरती। यातायात पुलिस ने मतदान केंद्रों के आसपास ट्रैफिक को नियंत्रित किया और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की। कई इलाकों में मोबाइल लाइटिंग और संकेतक लगाए गए थे ताकि मतदाताओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। मतदान केंद्रों के बाहर कतारों को व्यवस्थित रखने के लिए पुलिस बल और होम गार्ड्स की तैनाती की गई थी।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। गांवों में लोग समूह बनाकर मतदान केंद्रों तक पहुंचे। कई किसानों और मजदूरों ने अपने कामकाज से समय निकालकर मतदान किया। उनका कहना था कि लोकतंत्र में उनकी आवाज तभी मजबूत होगी जब वे मतदान करेंगे। कुछ बुजुर्ग मतदाता ऐसे भी थे जो लाठी या सहारे के साथ पहुंचे, लेकिन चेहरे पर संतोष और गर्व साफ झलक रहा था।
राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी मतदान केंद्रों के बाहर सक्रिय नजर आए। उन्होंने मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी और वरिष्ठ नागरिकों की सहायता की। हालांकि, आदर्श आचार संहिता का पालन करते हुए किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि से बचाव किया गया। चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों ने मतदान केंद्रों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और संतोष जताया।
दोपहर के समय जैसे-जैसे कोहरा छंटा, मतदान प्रतिशत में और तेजी आई। शहर के व्यस्त इलाकों में स्थित मतदान केंद्रों पर भी लंबी कतारें बनी रहीं। लोगों ने धैर्यपूर्वक अपनी बारी का इंतजार किया। कई मतदाताओं ने कहा कि मौसम कोई भी हो, मतदान उनका कर्तव्य है और वे इसे निभाने से पीछे नहीं हटेंगे।
शाम तक आते-आते मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। प्रशासन के अनुसार, पूरे जिले में मतदान प्रक्रिया बिना किसी बड़ी बाधा के पूरी की गई। शुरुआती रुझानों के मुताबिक, इस बार मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव की तुलना में बेहतर रहने की संभावना है। अधिकारियों ने मतदाताओं का आभार जताते हुए कहा कि बठिंडा के लोगों ने घने कोहरे के बावजूद लोकतंत्र को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है।
कुल मिलाकर, बठिंडा में मतदान का यह दृश्य इस बात का प्रमाण है कि जब नागरिक जागरूक और प्रतिबद्ध होते हैं, तो मौसम और परिस्थितियां भी उनके हौसले को डिगा नहीं सकतीं। घने कोहरे के बीच उमड़ा यह जनसैलाब लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करता नजर आया।
सारांश
घने कोहरे और ठंड के बावजूद बठिंडा में मतदाताओं ने लोकतंत्र के प्रति जिम्मेदारी निभाई। सुबह से मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें रहीं और उत्साह चरम पर दिखा।
