लुधियाना 22 अप्रैल 2025 : शहर के दोनों प्रमुख ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक, गवर्नमैंट कॉलेज और सेक्टर-32, इन दिनों गंभीर अव्यवस्था का शिकार हो गए हैं। जहां एक तरफ शहर के नागरिक अपने कामों के लिए इन ट्रैकों पर निर्भर हैं, वहीं दूसरी ओर ट्रैक पर काम की धीमी गति और अत्यधिक भीड़ उनके लिए बड़ी समस्या बन गई है। इस समस्या का मुख्य कारण है कि दोनों ही ट्रैक पर केवल एक-एक ही मुलाजिम तैनात है, जो किसी भी काम को समय पर पूरा करने में सक्षम नहीं हो पा रहा है। इसका असर सीधा उन लोगों पर पड़ रहा है, जो ट्रैक से संबंधित सेवाओं का उपयोग करने के लिए यहां आते हैं। गवर्नमैंट कॉलेज और सेक्टर-32 ट्रैक दोनों ही शहर के प्रमुख इलाकों में स्थित हैं, जहां रोजाना बड़ी संख्या में आवेदक आते हैं। इनमें से कई लोग अपने वाहनों की लाइसेंसिंग और अन्य जरूरी कार्यों के लिए यहां पर ट्रैक पर आते हैं। लेकिन जब से ट्रैक पर केवल एक-एक ही मुलाजिम तैनात किया गया है, काम की गति बहुत धीमी हो गई है। इससे आवेदकों को लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, जो समय की बर्बादी के अलावा अन्य समस्याओं का कारण बन रहा है।
सेक्टर-32 ट्रैक पर टू-व्हीलर कैमरा खराब
इसके अलावा सेक्टर-32 ट्रैक के साथ एक और समस्या जुड़ी हुई है। कई दिनों बाद जब यह ट्रैक खुला तो आवेदकों को पता चला कि यहां का टू-व्हीलर कैमरा खराब है। कैमरे के खराब होने के कारण ट्रैक का संचालन रुका हुआ था, और आवेदकों को बिना कोई समाधान मिले निराश लौटना पड़ा। यह स्थिति और भी खराब हो गई जब सैक्टर-32 ट्रैक पर जसविंदर कौर ने बताया कि स्टाफ की कमी के कारण और कैमरा की खराबी के चलते आज टेस्ट नहीं हो पाएंगे। इसका सीधा असर आवेदकों पर पड़ा, क्योंकि उन्हें कई दिनों तक ट्रैक का बंद होना सहन करना पड़ा और अब जब ट्रैक खुला तो फिर से तकनीकी कारणों से सेवा उपलब्ध नहीं हो रही थी।
इस तरह की समस्याओं का सामना करने वाले लोग निराश और हताश हैं। वे समय पर काम न हो पाने के कारण परेशान हैं, और कई बार तो उन्हें अपने महत्वपूर्ण कार्यों में भी देरी हो रही है। आवेदकों का कहना है कि ट्रैक पर कर्मचारियों की कमी और खराब उपकरणों की वजह से उन्हें हर बार परेशानी का सामना करना पड़ता है। वे चाहते हैं कि संबंधित विभाग इन समस्याओं का जल्द समाधान करे, ताकि आवेदकों को इस तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, ट्रैक के संचालन में सुधार के लिए अधिकारियों को कर्मचारियों की संख्या बढ़ानी चाहिए और तकनीकी उपकरणों की सही स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। यदि ट्रैक पर अधिक कर्मचारियों को तैनात किया जाए और सभी उपकरण ठीक काम कर रहे हों, तो न केवल काम की गति तेज होगी, बल्कि आवेदकों को भी अपनी समस्याओं का हल समय पर मिलेगा। इस अव्यवस्था के कारण शहर के नागरिकों में नाराजगी और निराशा का माहौल बना हुआ है। लोगों का कहना है कि यह स्थिति शहर की प्रमुख सेवाओं में से एक की बदहाली को दिखाती है, और यदि जल्दी ही सुधार नहीं हुआ, तो नागरिकों की समस्याएं बढ़ सकती हैं।