लुधियाना 09 सितम्बर 2024 : महानगर में नगर निगम व इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के खिलाफ एनजीटी (NGT) में याचिका दायर होने की खबर मिली है। जानकारी के मुताबिक, शहर में सड़कों को कंक्रीट से बनाए जाने के बाद 2 नागरिकों जसकीरत सिंह व योगेश मैनी द्वारा एनजीटी में याचिका दायर की है। गत शनिवार को एनजीटी द्वारा इन याचिकाओं पर संज्ञान लेते हुए कहा कि, नगर निगम व लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने इंट्रलॉकिंग टायल लगाने में नियमों का उल्लंघन किया है। इन्होंने नियमों के उलट जाकर छेद वाली टाइलों की जगह पर ठोस इंटरलॉकिंग कंक्रीट वाली टाइल लगाई है, जिस कारण भू-जल को भारी नुकसान हो रहा है। दोनों ही याचिकाकर्ता वातावरण प्रेमी हैं।
बताया जा रहा है कि नियमो के अनुसार 50 फीसदी टाइल छेद वाली लगाई जाना चाहिए, जबकि ऐसा नहीं किया गया। इस दौरान एनजीटी ने दोनों विभागों को आदेश जारी किए हैं कि एक सप्ताह के अंदर ठोस इंटरलॉकिंग टाइल की जगह पर छेद वाली टाइलें लगाकर जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश की जाए। गौरतलब है कि, उक्त याचिका पर सुनवाई के दौरान नगर निगम में कहा कि छेद वाली टाइलें इसलिए नहीं लगाई जाती क्योंकि इस पर चलने के समय बुजुर्ग गिरकर घायल हो जाते हैं। वहीं एनजीटी ने इस तर्क को बेतुका बताते हुए नकार दिया और जल्द से जल्द छेद वाली इंट्रलॉकिंग टाइलें लगाई जाएं।
बता दें कि लुधियाना में पिछले 5 सालों से नगर निगम व इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने पूरे शहर में सड़कों को कंक्रीट बना दिया है, जिस कारण बारिश का पानी जमीन में जाने के बजाय सीवरेज में जाकर बर्बाद हो रहा है। इससे भू-जल को पारी भारी नुकसान हो रहा है। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि गत 2021 साल में भी एनजीटी द्वारा आदेश जारी किए थे, लेकिन इसके बावजूद नगर निगम व इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने इंटरलॉकिंग कंक्रीट टाइलें लगानी जारी रखी। इस कारण बारिश आए पर सड़कों पर पानी का भराव जमा हो जाता है। इस मामले में दोबारा सुनवाई के दौरान माननीय बेंच ने निगम के वकील से कहा कि कि एनजीटी के आदेशों की उल्लंघना करने पर निगम कमिश्नर के खिलाफ धारा 26 के तहत कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए, इस पर वकील ने आदेश का पालनी करने और छेत वाली टाइलें लगाने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है।