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CM मान ने नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के शपथ ग्रहण पर दिया बड़ा बयान

पंजाब 31 जुलाई 2024 : पंजाब के नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने आज पद की शपथ ले ली है। उन्हें पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने शपथ दिलाई। इस दौरान हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे। इस दौरान जहां सीएम मान ने नए राज्यपाल कटारिया को गले लगाकर बधाई दी, वहीं पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने उनके पैर छू कर उनका आशीर्वाद लिया। सी.एम. मान ने कहा कि गुलाब चंद कटारिया बहुत अनुभवी नेता, जो 8 बार विधायक और एक बार एम.पी. भी रह चुके हैं। उनके पास काफी अनुभव है। सी.एम. मान ने कहा कि आज कटारिया ने पंजाब के राज्यपाल का पदभार संभाल लिया है। मुझे लगता है कि वह पंजाब के लिए बहुत योग्य नेता हैं।

कौन है गुलाब चंद कटारिया

बता दें कि गुलाब चंद कटारिया फिलहाल असम के राज्यपाल हैं। असम के राज्यपाल बनने से पहले वह राजस्थान के उदयपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे और विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं। राजस्थान में मेवाड़ की 28 सीटों पर उन्हें बड़ा नेता माना जाता है। उन्हें बीजेपी में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के विरोधी खेमे का नेता माना जाता है। असम सरकार की वेबसाइट पर राज्यपाल के रूप में उनके बारे में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वह 1980 से 1985 तक विधायक के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान विधानसभा की एस्टीमेटम कमेटी के सदस्य रहे। 1989 से 1991 तक वे लोकसभा के सदस्य चुने गए और इस बार उन्हें लोकसभा की लोक लेखा कमेटी का सदस्य बनाया गया। इसके अलावा वह लोकसभा की कृषि कमेटी के सदस्य भी थे। 1993 में जब वे राजस्थान की 10वीं विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए तो उनका राजनीतिक कद काफी बढ़ गया। इसी बीच उन्हें राजस्थान सरकार में बुनियादी एवं प्रारंभिक शिक्षा मंत्री का दायित्व सौंपा गया। वह 1998 तक इस पद पर रहे। 1998 में जब 11वीं राजस्थान विधानसभा का चुनाव हुआ तो गुलाब चंद फिर विजयी हुए।

इस दौरान कांग्रेस की सरकार थी और वह विपक्ष के विधायक थे। 1999 से 2000 तक वह एक बार फिर विधानसभा की लोक लेखा कमेटी के अध्यक्ष रहे और विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे। साल 2003 में जब राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तो उदयपुर से जीते गुलाब चंद कटारिया को सार्वजनिक निर्माण विभाग का मंत्री और गृह मंत्री बनाया गया। वह 2008 तक वसुंधरा राजे सिंधिया की सरकार में इस पद पर रहे। 2008 में जब कांग्रेस की सरकार बनी तो कटारिया विपक्ष के नेता भी बने। 2013 में कटारिया 7वीं बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य बने। इस बार भी बीजेपी की सरकार बनी और उन्हें पंचायती राज मंत्री बनाया गया। पिछले विधानसभा चुनाव में वह फिर से विजयी हुए और विपक्ष के नेता बनाये गये। फिर उन्हें असम का राज्यपाल बनाया गया और अब उन्हें पंजाब का राज्यपाल बनाकर भेजा जा रहा है।

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