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नवनिर्वाचित सांसद मनीष तिवारी: मेयर का कार्यकाल बढ़ाएंगे?

7 जून चंडीगढ़:मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव जीता है। उन्होंने भाजपा के संजय टंडन को शिकस्त दी थी। 

चंडीगढ़ के नवनिर्वाचित सांसद मनीष तिवारी संसद में चंडीगढ़ की मांग पुरजोर तरीके से उठाएंगे। उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा कि नगर निगम के अगले चुनाव से मेयर का चुनाव डायरेक्ट और पांच साल का करने पर जोर रहेगा। पार्षदों के इधर-उधर जाने पर एंटी डिफेक्शन लॉ लाने की भी उन्होंने बात कही। तिवारी ने कहा कि अब पूरे पांच साल चंडीगढ़ के मुद्दे दिल्ली में गूंजेंगे। चंडीगढ़ में अब तक जितने भी सांसद रहे हैं, सभी ने ब्यूरोक्रेसी के हावी रहने की बात कही है, वो कैसे तालमेल बिठाएंगे। अमर उजाला से खास बातचीत में उन्होंने हर मुद्दे पर खुलकर जवाब दिया।


सवालः चुनाव जीतने के क्या कारण रहे?
जवाबः
 जीत के कारणों का भी विश्लेषण नहीं किया है। अभी डाटा को कंपाइल कर रहे हैं। अभी जो अखबार में जीत के कारण छापे गए हैं, उन्हीं को पढ़ रहा हूं। बहुत ही नजदीकी मुकाबला रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान हमारी किन बातों ने काम किया, किन बातों ने काम नहीं किया, यह अभी कहना मुश्किल है।

सवालः अब चंडीगढ़ को लेकर क्या प्राथमिकताएं रहेंगी?
जवाबः
 चंडीगढ़ में मेट्रो लाना प्राथमिकता है। जो वादे किए गए हैं, उन सभी को पूरा करना मेरी प्राथमिकता रहेगी। कॉलोनियों का विकास, लाल डोरे को बढ़ाना, डड्डूमाजरा के डंपिंग ग्राउंड को हटाना, यह सभी प्राथमिकताएं हैं। अभी केंद्र ने बन रही सरकार पर नजर है। एक बार वह हो जाए ताकि चंडीगढ़ के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया जा सके।

सवालः ब्यूरोक्रेट्स के साथ कैसे तालमेल बिठाएंगे?
जवाबः 
यह बात सही है कि चंडीगढ़ ब्यूरोक्रेसी कंट्रोल्ड सिटी है। मेरी कोशिश होगी कि नीति निर्माण में प्रशासन के अधिकारियों के साथ लोगों के पार्टिसिपेशन को बढ़ाया जाए। फैसले लेने में लोगों की राय को भी ज्यादा से ज्यादा शामिल किया जाए, तभी चंडीगढ़ को और ज्यादा ब्यूटीफुल बनाया जा सकेगा।

सवालः आपने मेयर का कार्यकाल पांच साल करने का वादा किया था। पूरा होगा?
जवाबः 
कई ऐसे प्रस्ताव, जो सदन से पारित हो जाते हैं, उसे प्रशासन खारिज कर देता है। मेरी कोशिश है कि अगले नगर निगम चुनाव से पहले एमसी एक्ट में संशोधन करके मेयर का चुनाव भी डायरेक्ट और कार्यकाल पांच साल का किया जाए, ताकि मेयर चुनाव में हर साल होने वाला एनुअल इवेंट बंद हो सके। अतिरिक्त शक्तियां मिलनी चाहिए। मेरा मानना है और यह मेरी मांग भी है कि अगर कोई उम्मीदवार चुनाव किसी पार्टी के सिंबल पर लड़ता है तो उस पर एंटी डिफेक्शन लॉ भी लागू होना चाहिए।

सवालः नगर निगम की सदन की बैठकों में शामिल होंगे
जवाबः
 लोकसभा क्षेत्र की समस्याओं को उठाना सांसद का एक काम है लेकिन मुख्य कार्य देश के लिए कानून बनाना होता है। चंडीगढ़ एक बहुत ही अलग तरह का शहर है। यहां नगर निगम भी है। सदन में एक कुर्सी सांसद की होती है। मैं सुपर काउंसलर नहीं बनना चाहूंगा लेकिन अगर कोई ऐसा एजेंडा जिससे शहरवासी प्रभावित होंगे तो उस पर मेरी नजर रहेगी। चर्चा में भी शामिल होकर अपनी राय दूंगा लेकिन वार्डों के काम में कोई दखल नहीं होगा।

सवालः दिल्ली में चंडीगढ़ के मुद्दे हल कैसे होंगे
जवाबः 
मैंने तो श्री आनंदपुर साहिब से सांसद रहते हुए भी चंडीगढ़ के मुद्दों को संसद में उठाया है। चाहे तो बिजली विभाग के निजीकरण का मुद्दा हो या डेपुटेशन का। अब तो मैं चंडीगढ़ का प्रतिनिधित्व करूंगा। अब शोर खूब मचेगा। पूरे पांच साल चंडीगढ़ के मुद्दे दिल्ली में गूंजेंगे।

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