चंडीगढ़:
सरकारी स्कूलों के प्रबंधन में अभिभावकों की भागीदारी बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने आज ‘ बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियम-2011’ में संशोधन को मंजूरी दे दी।
इस संबंध में निर्णय आज सुबह पंजाब सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया। इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस संशोधन का उद्देश्य स्कूल प्रबंधन समितियों में अभिभावकों के साथ-साथ समुदाय की भागीदारी को बढ़ाना है ताकि राज्य भर के सरकारी स्कूलों में व्यापक शैक्षणिक विकास किया जा सके। इस संशोधन से सरकारी स्कूलों की स्कूल प्रबंधन समितियों में सदस्यों की संख्या वर्तमान 12 से बढ़कर 16 हो जाएगी, जिनमें से 12 सदस्य विद्यार्थियों के अभिभावकों से होंगे जबकि शेष चार सदस्य शिक्षा, खेल एवं सहायक क्षेत्रों से होंगे। इससे विषय आधारित गतिविधियों में अभिभावकों एवं विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों की भागीदारी बढ़ेगी तथा विशिष्ट विशेषज्ञता प्राप्त करने में मदद मिलेगी।


कारागार स्थानांतरण अधिनियम-1950 में संशोधन को मंजूरी
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में, मंत्रिमंडल ने विचाराधीन कैदियों को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने के लिए कारागार स्थानांतरण अधिनियम, 1950 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। यह प्रक्रिया उन राज्यों की सहमति से की जाएगी जहां वर्तमान में विचाराधीन कैदी बंद हैं तथा वह राज्य जहां उन्हें ट्रायल कोर्ट की मंजूरी के बाद स्थानांतरित किया जाना है। यह कदम पंजाब की जेलों में भीड़ भाड़ की स्थिति को सुधारने में सहायक होगा। मंत्रिमंडल ने व्यापक जनहित में सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग के ग्रुप-ए के लिए नए नियम बनाने को भी मंजूरी दे दी है। इससे विभाग के कामकाज को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी, जिससे कमजोर और पिछड़े वर्गों को काफी लाभ मिलेगा। मंत्रिमंडल ने पंजाब तीर्थयात्रा समिति के अध्यक्ष और सदस्यों तथा पंजाब विरासत एवं पर्यटन प्रोत्साहन बोर्ड के सलाहकार की नियुक्ति के लिए नियमों एवं शर्तों को भी मंजूरी दे दी।