चंडीगढ़, 1 दिसंबर 2024 – दिल्ली-अमृतसर हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर के निर्माण के लिए रेलवे ने सर्वे शुरू कर दिया है। इस परियोजना में बुलेट ट्रेन चलाने की योजना के तहत क्षेत्र की फिजिबिलिटी की जांच भी की जा रही है। उत्तरी रेलवे ने पंजाब की अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पूडा) के साथ मिलकर इसके डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पर काम शुरू किया है।
भारत सरकार ने 2019 में देश में छह हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर्स की योजना बनाई थी, जिसमें दिल्ली-अमृतसर बुलेट ट्रेन कॉरिडोर भी शामिल था। उत्तरी रेलवे अब पूडा के सहयोग से पंजाब में इस कॉरिडोर के अंतर्गत आने वाली 321 गांवों की जमीन का अधिग्रहण करेगा।
किसानों को इस अधिग्रहण के बदले मुआवजा देने के लिए पंजाब सरकार जल्द ही नोटिफिकेशन जारी करेगी। बताया जा रहा है कि किसानों को उनकी जमीन के लिए पांच गुना ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा।
यह दिल्ली-अमृतसर हाई स्पीड कॉरिडोर 465 किलोमीटर लंबा होगा और इसकी बुलेट ट्रेन 350 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी। यह ट्रेन दिल्ली से अमृतसर तक महज दो घंटे में पहुंचाएगी और चंडीगढ़ सहित 13 स्टेशनों पर रुकेंगी।
इस परियोजना के तहत पंजाब और हरियाणा के कुल 343 गांवों से जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इस कॉरिडोर में कुल 13 रेलवे स्टेशन होंगे, जिनमें दिल्ली, रोहतक, जींद, संगरूर, लुधियाना, जालंधर और अमृतसर शामिल हैं। यह प्रोजेक्ट दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे के साथ जुड़ेगा।
पंजाब के 186 गांवों की जमीन का अधिग्रहण होगा, जिसमें मोहाली के 39, जालंधर के 49, लुधियाना के 37, अमृतसर के 22, फतेहगढ़ साहिब के 25, कपूरथला के 12 और तरनतारन व रूपनगर के एक-एक गांव शामिल हैं। जमीन के मुआवजे को लेकर किसानों के साथ बैठकों का दौर चल रहा है और उन्हें कलेक्टर रेट से पांच गुना अधिक राशि दी जाएगी।